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बुजुर्गों से बदसलूकी : वायरल वीडियो ने बदली रैन बसेरों की सूरत, प्रशासन ले रहा भिखारियों की सुध

By भाषा | Updated: February 1, 2021 13:11 IST

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इंदौर (मध्यप्रदेश), एक फरवरी हाड़ कंपाने वाली ठंड में बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों की आलोचना झेल रहा स्थानीय प्रशासन अपनी छवि को हुए नुकसान की भरपाई में लगा है।

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि बेसहारा लोगों को रात में आश्रय देने के लिए चलाए जाने वाले केंद्रों में अब भोजन और अलाव की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही, शहर में भिखारियों के स्वास्थ्य परीक्षण और पुनर्वास का अभियान भी शुरू कर दिया गया है।

नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अभय राजनगांवकर ने पीटीआई-भाषा को बताया, "वैसे तो शहर के अलग-अलग स्थानों पर चल रहे 10 रैन बसेरों में वंचित वर्ग के लोगों के लिए केवल रात में ठहरने की व्यवस्था होती है। लेकिन कड़ाके की ठंड को देखते हुए इन आश्रय स्थलों में अब बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए प्रदेश सरकार की दीनदयाल रसोई योजना के तहत भोजन मुहैया कराया जा रहा है।"

उन्होंने बताया कि रैन बसेरों में शरण लेने वाले लोगों के लिए अलाव का इंतजाम भी किया गया है।

निगम के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शहर के फुटपाथ पर जिंदगी बसर करने वाले बेसहारा बुजुर्गों और भिखारियों की सेहत जांचने के लिए हफ्ते भर का अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत जरूरतमंद लोगों को दवाएं और उपचार मुहैया कराया जा रहा है।

अधिकारी ने बताया कि इंदौर, देश के उन 10 शहरों में शुमार है जिन्हें केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग ने भिक्षुक पुनर्वास अभियान के लिए चुना है। इस अभियान के पहले चरण में उन लोगों की पहचान की जा रही है जो भीख मांगकर गुजारा करते हैं। इसके बाद उन्हें उचित रोजगार दिलाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाना है।

इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) और इंदौर नगर निगम के प्रशासक पवन शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने मातहत अफसरों को निर्देश दिए हैं कि बेसहारा बुजुर्गों और भिखारियों का पुनर्वास "पूरी संवेदनशीलता और मानवता" के साथ किया जाए।

जिलाधिकारी मनीष सिंह ने रविवार को शहर के खजराना गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान मीडिया से कहा था कि बेसहारा बुजुर्गों के साथ नगर निगम कर्मचारियों की बदसलूकी के घटनाक्रम के लिए उन्होंने प्रशासन की ओर से ईश्वर से क्षमा मांगी है।

यह घटनाक्रम ऐसे वक्त सामने आया, जब लगातार चार बार देश के सबसे साफ-सुथरे शहर का खिताब अपने नाम कर चुके इंदौर का प्रशासन "स्वच्छ सर्वेक्षण 2021" में भी जीत के इस सिलसिले को कायम रखने के लिए नगर को चकाचक दिखाने के वास्ते एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए नगर निगम के एक उपायुक्त को पहले ही निलंबित कर चुके हैं। निगम प्रशासन दो अस्थायी कर्मियों को बर्खास्त भी कर चुका है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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