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एपीएमसी कानून में मामूली बदलाव के सुझाव दिए थे, इसे जारी रहना चाहिए : पवार

By भाषा | Updated: December 8, 2020 20:52 IST

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नयी दिल्ली, आठ दिसंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों में कृषि उत्पाद बाजार समितियों का कोई जिक्र नहीं है लेकिन केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्होंने कहा था कि एपीएमसी कानून मामूली बदलावों के साथ जारी रहना चाहिए।

उन्होंने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि एक पुराने पत्र को उजागर कर वह ध्यान भटकाना चाहती है, जो उन्होंने लिखा था।

पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने केवल इतना ही कहा था कि एपीएमसी में कुछ प्रावधान हैं जिनमें बदलाव की जरूरत है। एपीएमसी कानून में मामूली बदलाव के साथ इसे जारी रहना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इन तीन (नए) कानूनों में एपीएमसी का जिक्र नहीं है। यह ध्यान भटकाने का प्रयास है और इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।’’

पवार की राकांपा उन दलों में शामिल है जिसने किसान संगठनों के मंगलवार के ‘भारत बंद’ का समर्थन किया।

पवार तत्कालीन मनमोहन सिंह नीत सरकार में कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री थे।

भाजपा ने सोमवार को विपक्ष पर हमला करते हुए कहा था, ‘‘अब वे उस बात का विरोध कर रहे हैं जिस पर सत्ता में रहते हुए वे काम कर रहे थे। ये उनके शर्मनाक दोहरे मापदंड को दर्शाता है। यह महज विरोध के लिए विरोध है।’’

पवार ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।

विपक्षी दलों के नेताओं के बुधवार को कोविंद से मिलने और तीन कृषि कानूनों के बारे में उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराए जाने की संभावना है।

पवार ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले (कृषि कानूनों का विरोध करने वाले) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बैठक कर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।’’

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल विपक्षी दलों की तरफ से राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक का एक प्रतिनिधि, भाकपा महासचिव डी. राजा शामिल होंगे।

येचुरी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले हम पांचों की संभवत: बैठक होगी जिसमें रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। हमने सभी विपक्षी दलों से बात की है और अपनी आगामी कार्य योजना पर निर्णय किया है।’’

इससे पहले राकांपा ने कहा था कि केंद्रीय कृषि मंत्री के तौर पर पवार ने राज्यों के कृषि विपणन बोर्डों के साथ व्यापक सहमति बनाने की कोशिश की थी और कानून को लागू करने के लिए उनसे सुझाव मांगे थे।

राकांपा ने कहा था, ‘‘एपीएमसी कानून के प्रारूप के अनुसार किसानों को होने वाले फायदे के बारे में उन्होंने (पवार ने) कई राज्य सरकारों को अवगत कराया था, जिसे लागू करने पर वे सहमत हुए थे। कानून के लागू होने से देशभर के किसानों को लाभ हो रहा है। किसानों के हितों की रक्षा के लिए पवार ने इस कानून में कुछ बदलाव किया था।’’

पवार ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों के बीच पुणे जिले में पुरंदर हवाईअड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण के संबंध में चर्चा हुई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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