Road accident: सरकार ने बनाया नया नियम, घायलों की मदद कीजिए, आप नहीं फंसेंगे, पुलिस पूछताछ नहीं करेगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 2, 2020 15:45 IST2020-10-02T15:45:25+5:302020-10-02T15:45:25+5:30

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नया नियम बनाया है। सड़क हादसे में घायल को आप मदद कर सकते हैं। पुलिस अब किसी पहचान बताने के लिये नहीं देगी। आप दिल खोलकर मदद कर सकते हैं। 

Ministry of Road Transport and Highways notifies rules protect people help accident victims | Road accident: सरकार ने बनाया नया नियम, घायलों की मदद कीजिए, आप नहीं फंसेंगे, पुलिस पूछताछ नहीं करेगी

उनके साथ धर्म, राष्ट्रीयता, जाति और लिंग को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

Highlightsसरकार ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम-2019 में एक नई धारा 134 (ए) को जोड़ा है। यह धारा सड़क हादसों के दौरान पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने वाले ‘नेक आदमी’ को संरक्षण प्रदान करती है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऐसे मददगार लोगों के संरक्षण के नियम जारी किए हैं।

नई दिल्लीः अक्सर देखने में आता है कि सड़क किनारे कोई दुर्घटना हो जाती है और कोई मदद को आगे नहीं आता। इसकी वजह होती है कि ऐसे मामलों में मदद करने वाले को पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है।

लेकिन अब सरकार ने ऐसे ‘नेक आदमी’ के संरक्षण के नियम बना दिए हैं। इसके चलते पुलिस अब ऐसे लोगों पर पहचान जाहिर करने का दबाव नहीं बना सकेगी। सरकार ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम-2019 में एक नई धारा 134 (ए) को जोड़ा है। यह धारा सड़क हादसों के दौरान पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने वाले ‘नेक आदमी’ को संरक्षण प्रदान करती है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऐसे मददगार लोगों के संरक्षण के नियम जारी किए हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए। उनके साथ धर्म, राष्ट्रीयता, जाति और लिंग को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

बयान के मुताबिक, ‘‘कोई भी पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति ऐसे मददगार पर उनकी पहचान, पता या अन्य निजी जानकारी साझा करने का दबाव नहीं बना सकेगा। हालांकि, यदि व्यक्ति चाहे तो स्वैच्छिक आधार पर जानकारी दे सकता है।’’ इसके अलावा हर सरकारी और निजी अस्पताल को ऐसे ‘मददगार’ के संरक्षण से जुड़े अधिकारों को अपनी वेबसाइट, परिसर के प्रवेश द्वार और अन्य स्थानों पर प्रदर्शित करना होगा। उनके अधिकार हिंदी, अंग्रेजी या अन्य स्थानीय भाषाओं में प्रदर्शित करने होंगे।

इतना ही नहीं यदि सड़क दुर्घटना के किसी मामले में मदद करने वाला व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से गवाह बनना चाहता है तो उसके बयान इत्यादि इन्हीं नियमों के आधार पर दर्ज करने होंगे। अध्याय में इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश और प्रक्रिया दी गयी है। उल्लेखनीय है कि भारत में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख लोगों की सड़क हादसों में मौत हो जाती है। इनमें से कई जानों को समय पर उपचार मिलने के चलते बचाया जा सकता है। लेकिन पुलिस के रवैये के कारण आम नागरिक सड़क हादसों में पीड़ित की मदद करने से बचता है।

ऐसे में इस तरह के संरक्षण अधिकारों की जरूरत देश में लंबे समय से महसूस की जा रही थी। कुछ साल पहले दिल्ली सरकार ने ऐसे ही मददगार व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना शुरू की थी।

इसके तहत सड़क हादसे के दौरान पीड़ित व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाने वाली मददगार व्यक्ति को दिल्ली सरकार की ओर से प्रमाण पत्र और 2,000 रुपये का नकद इनाम दिया जाता है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि अमुक व्यक्ति को कानूनी और दंडात्मक दायित्वों से मुक्त रखा जाए। 

Web Title: Ministry of Road Transport and Highways notifies rules protect people help accident victims

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