सबरीमाला मुद्दे पर मंत्री द्वारा ‘आंसू बहाने’ का कोई तुक नहीं : श्रीधरन

By भाषा | Updated: March 12, 2021 18:08 IST2021-03-12T18:08:39+5:302021-03-12T18:08:39+5:30

Minister makes no sense to 'shed tears' on Sabarimala issue: Sreedharan | सबरीमाला मुद्दे पर मंत्री द्वारा ‘आंसू बहाने’ का कोई तुक नहीं : श्रीधरन

सबरीमाला मुद्दे पर मंत्री द्वारा ‘आंसू बहाने’ का कोई तुक नहीं : श्रीधरन

पलक्कड़ (केरल), 12 मार्च ‘मेट्रोमैन’ से देशभर में चर्चित ई श्रीधरन ने शुक्रवार को केरल के देवस्वओम मंत्री के सुरेंद्रन के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने सबरीमाला मंदिर में उन महिलाओं के प्रवेश पर खेद जताया था जिनका प्रवेश पारंपरिक रूप से वर्जित था।

श्रीधरन ने कहा कि सबकुछ खत्म हो जाने पर ‘आंसू बहाने’ का कोई तुक नहीं है।

हाल में राजनीति में आए और भाजपा में शमिल हुए श्रीधरन ने पत्रकारों से कहा कि वाम सरकार ने अपने कृत्यों से कई लोगों की भावनाओं को आहत किया है।

उल्लेखनीय है कि सुरेंद्रन ने 2018 में सबरीमाला मंदिर में प्रतिबंधित उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर हुई घटना पर एक तरह से बृहस्पतिवार को खेद व्यक्त किया था और कहा कि इससे उन्हें ‘दुख हुआ’ और यह ‘कभी नहीं होनी चाहिए’ थी।

श्रीधरन ने कहा, ‘‘सबकुछ खत्म हो जाने पर आंसू बहाने का क्या तुक है। हम नहीं जानते कि वह वास्तविक है या नहीं। वे जानबूझकर दो महिलाओं को पुलिस सुरक्षा में मंदिर में ले गए और उनमें से एक महिला यहां तक हिंदू भी नहीं थी। अब वह कह रहे हैं कि वह गलती थी। उन्होंने कई लोगों की भावनाओं को आहत किया है।’’

उच्चतम न्यायालय ने 28 सितबंर 2018 को दिए फैसले में कहा था कि 10 से 50 साल की महिलाओं को भी पहाड़ी पर स्थित मंदिर में प्रवेश का अधिकार है जो पहले वहां नहीं जा सकती थी। इस फैसले को राज्य की वाम सरकार ने लागू कराने की कोशिश की जिसका बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं और दक्षिण पंथी संगठनों ने विरोध किया।

फैसले के कुछ महीने बाद जनवरी 2019 में अबतक वर्जित रहे आयुवर्ग की दो महिलाओं बिंदू अमिनी एवं कनकदुर्गा ने अयप्पा स्वामी मंदिर में प्रवेश किया।

श्रीधरन ने कहा कि छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा उन्हें पलक्क्ड़ से उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद है।

भाजपा कार्यालय आए श्रीधरन ने कहा, ‘‘ पलक्कड़ विधानसभा सीट से भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार के नाम की घोषणा अबतक नहीं की गई है। मुझे पलक्कड़ के बारे में अध्ययन करना है लेकिन मोटे तौर पर दो साल में पलक्कड़ को केरल का सबसे बेहतर शहर और तीन से चार साल में देश का सबसे बेहतर शहर बनाने का लक्ष्य है।

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