अयोध्या में आज राम मंदिर के निर्माण को लेकर गहमागहमी है. लेकिन यह शायद ही किसी को याद हो कि 1990 में राम मंदिर बनाने के लिए देशभर में रथ यात्र निकालने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को तब गिरफ्तार कर उनकी रथ यात्र को रोकने वाले आर.के. सिंह आज केंद्र सरकार में मंत्री हैं.
1990 में 30 अक्तूबर को इस रथ को अयोध्या पहुंचना था, लेकिन बिहार के समस्तीपुर में लालू यादव ने 23 अक्तूबर को न केवल रथ यात्र रुकवा दी, बल्कि आडवाणी को गिरफ्तार भी करवा लिया था. उन्हें गिरफ्तार कर उनके रथ यात्र की हवा निकालने वाले तब के अधिकारी आर.के. सिंह ही थे, जो आज केंद्र की मोदी सरकार में उर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं.
भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने के बाद पहली बार आर.के. सिंह का नाम सुर्खियों में आया था. 64 वर्षीय आर.के. सिंह 1975 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं और अपने रिटायरमेंट के बाद 2013 में भाजपा में शामिल हुए थे. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने पहले धनबाद के तत्कालीन उपायुक्त अफजल अमानुल्लाह को निर्देश दिया था कि वो आडवाणी को वहीं गिरफ्तार कर लें. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.
इसके बाद समस्तीपुर में आडवाणी को गिरफ्तार करने के लिए अधिकारियों का एक दल पटना से भेजा गया, उसका नेतृत्व आईएएस अधिकारी आर.के. सिंह ने किया था. तब सिंह कड़े तेवर के अधिकारी माने जाते थे, जो बाद में केंद्र के गृह सचिव भी बने. फिलहाल वो आरा से भाजपा सांसद हैं. उनके पास नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार भी है.
प्रमुख सलाहकार बनाना चाहते थे नीतीश कुमार
वह यूपीए सरकार में रक्षा उत्पादन के सचिव और आडवाणी के गृह मंत्री रहने के दौरान मंत्रलय में संयुक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं. रिटायरमेंट के बाद बिहार में नीतीश कुमार ने उन्हें अपना प्रमुख सलाहकार बनाना चाहा था, लेकिन तब उन्होंने उसे ठुकराते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.