मेट्रो शेड कार मामला: महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय जाने के दिए संकेत

By भाषा | Updated: December 16, 2020 17:03 IST2020-12-16T17:03:36+5:302020-12-16T17:03:36+5:30

Metro shed car case: Maharashtra government signs up to Supreme Court | मेट्रो शेड कार मामला: महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय जाने के दिए संकेत

मेट्रो शेड कार मामला: महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय जाने के दिए संकेत

मुम्बई, 16 दिसम्बर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मुम्बई उपनगर जिला कलेक्टर के मेट्रो कार शेड के लिए कांजुरमार्ग साल्ट पैन में 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के आदेश पर बंबई उच्च न्यायालय के रोक लगाने के बाद उच्चतम न्यायालय का रुख करने के बुधवार को संकेत दिए।

पवार ने भाजपा का नाम लिए बिना पत्रकारों से कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गोरेगांव उपनगर के आरे में बनने वाले मेट्रो कार शेड को कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का फैसला लगता है कि कई लोगों को पसंद नहीं आया और इसलिए ही केन्द्र ने इतना ‘‘ बड़ा कदम’’ उठाया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ संविधान और कानून में, अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का प्रावधान है। इसलिए, हम इस पर विचार करेंगे।’’

बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांजुरमार्ग साल्ट पैन में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के मुम्बई उपनगर जिला कलेक्टर के ओदश पर रोक लगा दी।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी की खंडपीठ ने अधिकारियों के वहां निर्माण कार्य करने पर भी रोक लगा दी है।

भाजपा नीत पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने कई पर्यावरणविद और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद मुम्बई मेट्रो लाइन-3 के कार शेड को आरे कॉलोनी में बनाने का फैसला किया था। कार शेड के निर्माण के लिए वहां बहुत सारे पेड़ों को काटा जाना था, जिसका विरोध किया जा रहा था।

मौजूदा एमवीए सरकार ने हाल में इसे आरे से कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का फैसला किया।

शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए में शामिल हैं।

केन्द्र सरकार का दावा है कि महाराष्ट्र कांजुरमार्ग की भूमि केन्द्र के सॉल्ट विभाग के अधीन आती है और एमवीए सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उसने एक अक्टूबर 2020 को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।

पवार ने कहा, ‘‘ चाहे केन्द्र हो या राज्य सरकार’’ किसी को भी विकास कार्य में बाधा नहीं डालनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने (रांकापा प्रमुख शरद) पवार साहेब का 50 से 55 साल का राजनीतिक करियर देखा है। मैं खुद भी पिछले 30 साल से राजनीति में हूं। मैंने कभी विकास कार्यों को लेकर राजनीति नहीं की, बल्कि हमने उनमें मदद ही की है।’’

महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि वह अदालत के आदेश की विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उसके मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह भूमि मेट्रो परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सरकार के लगभग 5,500 करोड़ रुपये बचेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Metro shed car case: Maharashtra government signs up to Supreme Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे