पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा तथा जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। महबूबा अपनी पारंपरिक सीट अनंतनाग से चुनावी मैदान में उतरेंगी। इस बीच जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परीक्षा के टॉपर शाह फैसल ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
इसके अलावा उनकी पार्टी ने जम्मू एवं उधमपुर निर्वाचन संसदीय क्षेत्रों से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। 2016 में उन्होंने अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद बीजेपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नवंबर, 2018 में विधानसभा भंग कर दी थी। उससे पहले पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपने प्रतिद्वंद्वी उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से राज्य में सरकार बनाने का दावा किया था और उन्होंने 87 सदस्यीय विधानसभा में 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया था।
महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने अक्टूबर-नवंबर 2018 में जम्मू कश्मीर में हुए पंचायत और निगम चुनाव का बहिष्कार किया था। तब पीडीपी ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 35 ए पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती, पीडीपी इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी।
इस बीच जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परीक्षा के टॉपर शाह फैसल ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
श्री फैसल ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ हमने राज्य में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”