जम्मू कश्मीरः महबूबा मुफ्ती को याद आए अटल बिहारी वाजपेयी, कहा- बीजेपी नेता थे लेकिन जीता कश्मीरियों का प्यार
By आदित्य द्विवेदी | Updated: August 5, 2019 07:59 IST2019-08-05T07:59:57+5:302019-08-05T07:59:57+5:30
महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि बीजेपी नेता होने के बावजूद वाजपेयी जी कश्मीरियों से सहानुभूति रखते थे। उन्होंने कश्मीरियों का प्यार हासिल किया। आज उनकी कमी सबसे ज्यादा खल रही है।

महबूबा मुफ्ती को याद आए अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को अटल बिहारी वाजपेयी की कमी खल रही है। उन्होंने रविवार देर रात ट्वीट करके उन्हें याद किया। महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि बीजेपी नेता होने के बावजूद वाजपेयी जी कश्मीरियों से सहानुभूति रखते थे। उन्होंने कश्मीरियों का प्यार हासिल किया। आज उनकी कमी सबसे ज्यादा खल रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महबूबा मुफ्ती समेत कश्मीर के कई बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है जिसके बीच ये गिरफ्तारियां हुई हैं। बहरहाल, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है क्योंकि आतंकवादी धमकी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ शत्रुता बढ़ने के बीच तड़के कश्मीर में कर्फ्यू लगाया जाएगा।
Vajpayee ji despite being a BJP leader empathised with Kashmiris & earned their love. Today we feel his absence the most.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। इन घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं। कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है। अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है। यह रात लंबी होने वाली है।’’
नेशनल कांफ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है। इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा।’’
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा और एएनआई से इनपुट्स लेकर