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महबूबा मुफ्ती, उनकी बेटी कथित तौर पर नजरबंद, नेकां ने प्रशासन पर साधा निशाना

By भाषा | Updated: November 27, 2020 15:11 IST

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श्रीनगर, 27 नवम्बर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्हें और उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है और पार्टी नेता वहीद पर्रा के दक्षिण कश्मीर के पुलवामा स्थित आवास पर नहीं जाने दिया जा रहा है।

पर्रा को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इस सप्ताह गिरफ्तार कर लिया था।

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे किसी पर कोई उपकार कर रही हो और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है। उन्होंने साथ ही कहा कि न्यायपालिका कुछ नहीं बोल रही है।

महबूबा ने ट्वीट किया था, ‘‘ मुझे एक बार फिर गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है। दो दिनों से, जम्मू-कश्मीर प्रशासन मुझे पुलवामा में वहीद पर्रा के परिवार से मिलने नहीं दे रहा है। भाजपा के मंत्रियों और उनकी कठपुतलियों को कश्मीर में हर जगह आने-जाने की अनुमति है लेकिन मेरे मामले में सुरक्षा संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाती है।’’

उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को भी घर में नजरबंद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अत्याचार की कोई सीमा नहीं है। वहीद को निराधार आरोपों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और मुझे उसके परिवार को सांत्वना देने के लिए मिलने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि मेरी बेटी इल्तिजा को भी घर में नजरबंद कर दिया गया है क्याोंकि वह भी वहीद के परिवार से मिलना चाहती है।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बुधवार को पीडीपी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पर्रा को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान समर्थन पाने के लिहाज से कथित रूप से हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया था।

पर्रा के नैरा गांव स्थित आवास पर शुक्रवार को उनके परिवार से मिलने के लिए मुफ्ती ने सुरक्षा मंजूरी मांगी थी।

मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए एक संवादपत्र के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और निदेशक विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) एस. डी. सिंह ने पुलवामा जिला पुलिस की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री की नैरा की प्रस्तावित यात्रा को जम्मू -कश्मीर के जिला विकास परिषद (डीडीसी) के 28 नवम्बर को होने वाले चुनाव का हवाला देते हुए पुनर्निर्धारण की मांग की है।

इस पूरे घटनाक्रम पर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,‘‘ बाधा खड़ी करना इस प्रशासन की नयी मानक संचालन प्रक्रिया है। उन्होंने मेरे पिता को प्रार्थना करने से रोकने के लिए हाल ही में ऐसा किया था। सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे कोई उपकार कर रही हो, और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है और न्यायपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’’

गौरतलब है कि पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को ईद-मिलाद-उन-नबी पर हजरतबल दरगाह पर जाने से रोका गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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