Meghalaya Assembly Elections 2023: एकल बीपीएल माताओं को हर महीने 3000 रुपये, हर घर के एक सदस्य को नौकरी देने वादा, कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 9, 2023 18:29 IST2023-02-09T18:29:10+5:302023-02-09T18:29:56+5:30
Meghalaya Assembly Elections 2023: पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया है।

नयी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे दूर-दराज़ के शहरों में जाने को मजबूर हैं।
शिलांगः मेघालय में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वाली एकल माताओं को तीन हज़ार रुपये महीने की सहायता और हर घर के एक सदस्य को नौकरी देने का बृहस्पतिवार को वादा किया। इस पूर्वोत्तर राज्य में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया है।
पार्टी ने व्यावसायिक और घरेलू उपभोक्ताओं को अबाधित बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने और ऐसा कानून बनाने का वादा किया है जिसके तहत विकास और अवसंरचना से संबंधित सभी फाइल को पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी होगा। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख विन्सेंट एच पाला ने कहा, “ अगर कांग्रेस सरकार बनाती है तो वह बच्चों की परवरिश करने के लिए एकल माताओं को हर महीने तीन हज़ार रुपये देगी।
इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में और उन्हें अपना घर बेहतर तरीके से चलाने में मदद मिलेगी। ये एक साल में 36,000 रुपये होंगे जो एक बड़ी रकम है।” पाला ने कहा, “राज्य में अच्छे रोज़गार के मौकों के अभाव की वजह से हमारे युवा निराश हैं और वे रोज़ी रोटी कमाने के लिए नयी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे दूर-दराज़ के शहरों में जाने को मजबूर हैं।
हमारी दूसरी प्रतिबद्धता मेघालय के हर घर से एक योग्य अभ्यर्थी को एक नौकरी प्रदान करना है।” कांग्रेस ने यह भी वादा किया कि वह एक पारदर्शिता कानून लेकर आएगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मेघालय के प्रभारी मनीष चतरथ ने कहा, “ कांग्रेस सरकार आम नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम लेकर आई, लेकिन केंद्र में (नरेंद्र) मोदी सरकार और राज्य में एनपीपी शासन ने कानून को चरणबद्ध तरीके से कमजोर कर दिया और अंततः इसे महत्वहीन बना दिया।”
उन्होंने कहा कि नया कानून सरकार को विकास और बुनियादी ढांचे से संबंधित सभी फाइल को उनके बंद होने के छह महीने बाद पोर्टल पर अपलोड करने के लिए बाध्य करेगा, जिससे भ्रष्टाचार काफी हद तक कम होगा और शासन में अधिक पारदर्शिता आएगी। कांग्रेस ने 2018 में एनपीपी नीत गठबंधन के हाथों सत्ता गंवा दी थी।