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मीडिया ने तरूण गोगोई को एक सुलभ नेता के तौर पर याद किया

By भाषा | Updated: November 25, 2020 23:20 IST

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गुवाहाटी, 25 नवंबर असम के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे तरूण गोगोई के निधन के बाद मीडिया यहां उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद करेगी जो हमेशा खबरों के स्रोत के रूप में उपलब्ध रहे, राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा करते थे और लोगों की बेहतर तरीके से सेवा करने के लिए सुझाव मांगते थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लंबे समय तक पत्रकारों के बीच लोकप्रिय रहे -- 1971 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने जाने से लेकर 50 वर्षों के अपने राजनीतिक जीवन के दौरान।

उस समय के वरिष्ठ पत्रकारों से लेकर अभी की युवा पीढ़ी भी याद करती है कि कैसे गोगोई ने लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका को महत्व दिया और सरकार की विकास एवं कल्याण योजनाओं के रिपोर्ट को महत्व दिया।

वे उनसे कभी भी मिल सकते थे और गोगोई अपने विनम्र स्वभाव के कारण पत्रकारों के बीच लोकप्रिय रहे।

सोमवार को गोगोई के निधन के बाद अधिकतर पत्रकार इसे निजी क्षति मान रहे हैं।

असम पीसीसी के अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने से लेकर 2001 से 2016 तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनका पत्रकारों से निजी संबंध रहा।

मुख्यमंत्री के तौर पर गोगोई ने बदले की भावना से कभी मीडिया घरानों के विज्ञापन तब भी नहीं रोके जब खबरों में उनकी या उनकी सरकार की आलोचना की गई।

2016 में भाजपा से हारकर विपक्ष में बैठने के दौरान भी गोगोई ने नियमित संवाददाता सम्मेलन किया।

प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार मृणाल तालुकदार ने कहा, ‘‘तरूण गोगोई न केवल जनता के मुख्यमंत्री रहे बल्कि अपने अंतिम समय तक वह सर्वाधिक लोकप्रिय नेता भी रहे।’’ ‘असम ट्रिब्यून’ के वरिष्ठ पत्रकार और गुवाहाटी प्रेस क्लब के महासचिव संजय राय ने कहा, ‘‘वह (गोगोई) सीधा बोलने वाले नेता थे। मुख्यमंत्री के तौर पर अपने शब्दों को कभी नहीं छुपाते थे, जिससे वह खबरों में बने रहते थे। उनके संवाददाता सम्मेलनों एवं कार्यक्रमों को कवर करने में मजा आता था।’’

यूएनआई की ब्यूरो चीफ सुष्मिता गोस्वामी ने कहा, ‘‘तरूण गोगोई हमेशा मीडिया के लिए सुगम रहे, खासकर तब जब कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होती थी या कोई महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम होता था। कई नेता ऐसे समय में मीडिया से बात करने से बचते हैं लेकिन वह बोलने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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