बेलगावी (कर्नाटक), 22 दिसंबर कर्नाटक में ‘सुवर्ण सौध’ में वीडियो पत्रकारों के प्रवेश पर पुलिस प्रशासन द्वारा कथित रोक को लेकर विभिन्न मीडिया संस्थानों के कर्मियों खास तौर पर टेलिविजन में काम करनेवाले पत्रकारों ने परिसर के सामने बुधवार को प्रदर्शन किया। यहां विधानमंडल का सत्र चल रहा है।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के हस्तक्षेप के बाद विरोध प्रदर्शन एक घंटे के भीतर ही वापस ले लिया गया। कागेरी ने स्पष्ट किया कि न तो उनकी तरफ से और न ही उनके कार्यालय की तरफ से मीडिया को रोकने का कोई का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने गृह मंत्री और पुलिस आयुक्त (बेलगावी) से बात की। उन दोनों ने भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई नये निर्देश जारी नहीं किये है। ऐसा प्रतीत होता कि किसी स्तर पर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।’’
मीडियाकर्मियों ने जब उन्हें ‘पुलिस अधीक्षक के आदेश’ के बारे में बताया तो अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर कोई आदेश जारी किया गया है तो मैं उसके बारे में जानकारी लूंगा और उसकी सत्यता तथा पृष्ठभूमि के बारे में पता लगाऊंगा। इस बीच अध्यक्ष के तौर पर मैं सरकार और अधिकारियों को आपको सामान्य की तरह अपनी गतिविधियां जारी रखने की अनुमति देने का निर्देश दूंगा। आप अपना काम जारी रखें।’’
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर अपने उच्च अधिकारियों से निर्देश के बाद प्रवेश प्रतिबंधित किया था। मंगलवार को कुछ पत्रकार और वीडियो पत्रकार मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से प्रतिक्रिया लेने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे थे और इस घटना से वरिष्ठ अधिकारी नाराज हो गए और उन्होंने सुवर्ण सौध परिसर में मीडिया को ‘नियंत्रित’ करने का निर्णय लिया।
पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि विधानसभा में सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश करने की पृष्ठभूमि में मीडिया के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से कई तरह के संदेह उत्पन्न हुए।
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