एमबीबीएस सीट घोटाला : आरोपपत्र में हुर्रियत और पाकिस्तान में उसके आकाओं के बीच संबंध को रेखांकित किया गया

By भाषा | Updated: December 30, 2021 22:41 IST2021-12-30T22:41:45+5:302021-12-30T22:41:45+5:30

MBBS seat scam: Chargesheet highlights link between Hurriyat and its masters in Pakistan | एमबीबीएस सीट घोटाला : आरोपपत्र में हुर्रियत और पाकिस्तान में उसके आकाओं के बीच संबंध को रेखांकित किया गया

एमबीबीएस सीट घोटाला : आरोपपत्र में हुर्रियत और पाकिस्तान में उसके आकाओं के बीच संबंध को रेखांकित किया गया

श्रीनगर, 30 दिसंबर जम्मू कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने कश्मीरी छात्रों को पाकिस्तान में एमबीबीएस की सीटों को ‘बेचने’ और धन का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश में अशांति भड़काने के लिए करने के आरोप में बृहस्पतिवार को नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें हुर्रियत नेताओं और पाकिस्तान में उनके आकाओं के बीच तालमेल को बताया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

जम्मू कश्मीर पुलिस की नवगठित इकाई विशेष जांच एजेंसी ने यहां एक विशेष अदालत में हुर्रियत कांफ्रेंस के घटक मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट समेत नौ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। इनमें से ज्यादातर अलगाववादी हैं।

आरोपपत्र में कहा गया कि जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी कश्मीर और पाकिस्तान की हुर्रियत इकाई से जुड़े थे और एक सुनियोजित साजिश के तहत अवैध रूप से पैसा बना रहे थे।

पुलिस के अपराध जांच विभाग की एक शाखा, काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) द्वारा पिछले साल जुलाई में विश्वसनीय स्रोतों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने के बाद मामला दर्ज किया गया था कि हुर्रियत के कुछ नेताओं सहित कई लोगों ने कुछ शैक्षिक सलाहकारों के साथ साठगांठ कर पाकिस्तान में एमबीबीएस सीटों तथा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सीटों की ‘बिक्री’ की।

एसआईए ने कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के घटक साल्वेशन मूवमेंट के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर अकबर भट के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में अकबर भट के भाई अल्ताफ अहमद भट के साथ मंज़ूर अहमद शाह (दोनों पाकिस्तान में रहते हैं), अनंतनाग के धार्मिक नेता काजी यासिर, फातिमा शाह, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, सबजार अहमद शेख और महज आज़ादी फ्रंट के मोहम्मद इकबाल मीर और सैयद खालिद गिलानी के नाम हैं।

पांच लोगों, भट, फातिमा शाह, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, सबजार अहमद शेख और मोहम्मद इकबाल मीर को गिरफ्तार किया गया, अदालत के सामने पेश किया गया और सेंट्रल जेल, श्रीनगर भेज दिया गया। अल्ताफ अहमद भट, काजी यासिर और मंजूर अहमद भट फरार थे और उन्हें भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया एसआईए द्वारा शुरू की गई है। आरोपपत्र में कहा गया है कि नौवें आरोपी गिलानी पर केवल धोखाधड़ी का आरोप लगाया जाएगा और उसके खिलाफ अलग से चालान किया जाएगा।

मामला हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधानों को लागू करने में काम आ सकता है क्योंकि भट राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल था। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में हुर्रियत नेताओं और उनके आकाओं के बीच ऐतिहासिक जुड़ाव फिर से जांच के माध्यम से उजागर हो गया है। कश्मीर और पाकिस्तान के आतंकवादियों के हाथ मिलाने के उनके नापाक मंसूबों को उजागर कर दिया है और उनके घनिष्ठ संबंध केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और भारत को अस्थिर करने के लिए हैं।’’

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान मौखिक, दस्तावेजी और तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए गए और विश्लेषण में यह सामने आया कि एमबीबीएस और अन्य पेशेवर डिग्री से संबंधित सीटें उन छात्रों को दी जाती थीं जो मारे गए आतंकवादियों के करीबी परिवार के सदस्य या रिश्तेदार थे।

जांच के दौरान, पाकिस्तान में कश्मीरी छात्रों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने की आड़ में अपने नेताओं और उनके सहयोगियों द्वारा एकत्र किए गए धन जैसे सबूतों के माध्यम से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण में निभाई गई भूमिका को प्रकाश में लाया गया।

यह भी साक्ष्य प्रस्तुत किया गया कि पैसा उन गतिविधियों में लगाया गया जो आतंकवाद और अलगाववाद से संबंधित कार्यक्रमों का समर्थन करते थे। प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद अशांति फैलाने के लिए भी धन का इस्तेमाल हुआ था।

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Web Title: MBBS seat scam: Chargesheet highlights link between Hurriyat and its masters in Pakistan

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