कमलनाथ सरकार के मंत्री का प्रज्ञा ठाकुर पर तंज, कहा- हो सकता है उनके दिमाग का इस्तेमाल कर पाक को खत्म करने का हो इरादा
By भाषा | Updated: November 22, 2019 17:05 IST2019-11-22T17:05:18+5:302019-11-22T17:05:18+5:30
लोकसभा सचिवालय द्वारा बुधवार को जारी बुलेटिन के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा मामलों संबंधी संसदीय समिति की 21 सदस्यीय समिति में प्रज्ञा को शामिल किया गया है।

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मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री गोविन्द सिंह ने रक्षा मामलों से संबंधित एक संसदीय समिति में भोपाल सीट से सांसद एवं मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को शामिल किये जाने के फैसले पर भाजपा नीत राजग सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है केन्द्र सरकार का इरादा उसके दिमाग का उपयोग कर पाकिस्तान को एकदम समाप्त करने का हो।
साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मामलों से संबंधित संसदीय समिति में शामिल किये जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘हो सकता है उसके दिमाग का उपयोग कर पाकिस्तान को एकदम समाप्त करने का इरादा हो।’’
भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सिंह से जब पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एकतरफ कहते हैं कि वह उन्हें माफ नहीं कर पाएंगे और दूसरी तरफ प्रज्ञा को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है, तो इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘कथनी एवं करनी’ में फर्क रहता है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा बुधवार को जारी बुलेटिन के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा मामलों संबंधी संसदीय समिति की 21 सदस्यीय समिति में प्रज्ञा को शामिल किया गया है।
प्रज्ञा 2008 मालेगांव बम धमाकों की आरोपी है और वर्तमान में जमानत पर हैं। उसने इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट पर करारी मात दी थी।
अपने विवादित बयानों के लिये सुर्खियों में रहने वाली प्रज्ञा ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताया था, जिस पर काफी बवाल हुआ था।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कहा था कि वह इस बयान के लिए उन्हें कभी मन से माफ नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने बयान दिया था कि महाराष्ट्र के तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उनके "श्राप" के कारण मारे गए थे।