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शहीद समीर अबरोल की पत्नी ने पूछा- और कितनी कुर्बानिंयां...उत्तर नहीं मिला तो लड़ती रहूंगी

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 11, 2019 04:01 IST

बेंगलुरु में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयरफोर्स के मिराज-2000 विमान हादसे में स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी की मौत हो गई थी। अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी ‘एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट’ से थे।

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ठळक मुद्दे2015-16 में भारतीय वायु सेना 35 से अधिक विमान और हेलीकाप्टर गंवा चुकी है और इसमें 45 मौतें हुई हैं।समीर अबरोल के भाई ने लिखा था- नौकरशाही मौज मस्ती करती है, योद्धाओं को लड़ने के लिए मिलती हैं पुरानी मशीनें

दिवंगत स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी ने फेसबुक पर दिल को छू जाने वाला पोस्ट लिखा है। समीर अबरोल की पत्नी गरिमा अबरोल के फेसबुक पोस्ट से पति को खोने का दर्द तो झलक ही रहा साथ ही सिस्टम के प्रति गुस्सा का भाव भी उजागर हो रहा है। गरिमा ने पोस्ट में लिखा, ''कोई भी 'पायलट एक दिन में नहीं बनता, सदियां बीत जाती हैं। आपको जगाने के लिए और कितनी कुर्बानियां देनी होंगी।'' समीर अबरोल के भाई भी सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिख चुके हैं। पिछले हफ्ते बेंगलुरु में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयरफोर्स के मिराज-2000 विमान हादसे में स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी की मौत हो गई थी। अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी ‘एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट’ से थे।

समीर अबरोल की पत्नी गरिमा अबरोल लिखती हैं, ''मैं गरिमा अबरोल हूं...मैं शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी हूं.... जिसके आंसू अभी भी सूखे नहीं हैं... अभी भी यकीन करना मुश्किल है कि आप चले गए हैं । किसी के पास मेरे सवालों का जवाब नहीं है। तुम क्यों चले गए?' 

मेरे पति एक स्वाभिमानी भारतीय थे। मुझे उन्हें हर दिन अपने हाथों से चाय पिलाकर सुबह जह देश की सेवा के लिए भेजती थी तो मेरा सिर गर्व से ऊंचा हो जाता था। जीवन में हर सैनिक की पत्नी को सबसे बड़ा डर तब होता है जब उसके पति को सीमा पर बुलाया जाता है। मुझे भी यह डर था। कई बार मैं एक ऐसा बुरा सपना देखा और रोने लगी, लेकिन समीर मुझे पकड़ लेते, मुझे दिलासा देते और मुझे बताते कि यही अपने काम का परम उद्देश्य है। वह मुझे बहादुर बनना चाहते थे, जैसा कि वह थे, एक बहादुर सैनिक, देश भक्त।

यही तो एक सैनिक का काम है... यह आपको प्रसिद्धि नहीं दिलाता है ... जब आप छोड़ते हैं तो कोई नहीं रोता है लेकिन परिवार ... यह आपको एक सेलिब्रिटी नहीं बनाता है ... मीडिया इसे एक दिन के लिए कवर करता है और इसे वैसे ही छोड़ देता है जैसे उन्होंने किया है पायलट जो समीर से पहले एक ही असामयिक भाग्य से मिले हैं ... फिर हर कोई इसके बारे में भूल जाता है।

इनमें से कितने अधिक पायलटों को आपको झकझोरने के लिए अपनी जान देनी पड़ेगी और आपको एहसास होगा कि सिस्टम में वास्तव में कुछ गड़बड़ है? पायलट एक दिन में नहीं बनता, सदियां बीत जाती हैं।  आपको जगाने के लिए और कितनी कुर्बानियां देनी होंगी।

मैं नहीं चाहती कि सेना ते परिवार की कोई और बहन इस दर्द को झेले, जिससे मैं गुजर रही हूं। शब्दों में यह वर्णन नहीं किया जा सकता है कि मेरे बेहतर आधे, मेरे बैटमैन के बिना अकेले जीना यहां कितना दर्दनाक है।

मुझे उत्तर चाहिए ...

जबकि इसकी सिर्फ एक और कहानी और कुछ के लिए घटना है, मैं उस कारण के लिए लड़ती रहूंगी जो आपको मुझसे दूर ले गया था।''

समीर अबरोल के भाई ने लिखा था- नौकरशाही मौज मस्ती करती है, योद्धाओं को लड़ने के लिए मिलती हैं पुरानी मशीनें

स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल बरोल के भाई सुशांत ने फेसबुक पर एक भावनात्मक कविता पोस्ट की थी। जिसमें लिखा है, नौकरशाही मौज मस्ती करती है जबकि वायु योद्धाओं को लड़ने के लिए पुरानी मशीनें दी जाती हैं। उन्होंने लिखा, परीक्षण पायलट का काम बहुत जोखिमभरा होता है। सुशांत के इस पोस्ट को काफी शेयर किया जा रहा है

एक अन्य पोस्ट में सुशांत ने कहा, ‘‘वक्त आ गया है कि हम सिर्फ खोए हुए वोटो की परवाह नहीं करें, बल्कि उन पायलटों की भी परवाह करें जो इस भ्रष्ट व्यवस्था की लापरवाही के चलते शहीद हुए हैं।’’ सुशांत की पोस्ट को अबरोल की पत्नी गरिमा ने भी शेयर किया है।

रक्षा विमानों और हेलीकाप्टरों के दुर्घटनाग्रस्त होने का मामला सुप्रीम कोर्ट में 

सुप्रीम कोर्ट में इस घटना के बाद पिछले हफ्ते में एक जनहित याचिका दायर कर भारतीय सशस्त्र बलों के विमानों और हेलीकाप्टरों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुये भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिये उचित कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। 

बेंगलुरू में हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड के हवाई अड्डे पर एक फरवरी को भारतीय वायु सेना का मिराज-2000 प्रशिक्षण विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना के परिप्रेक्ष्य में यह जनहित याचिका दायर की गयी है। इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट-स्क्वैड्रन लीडर समीर अब्रोल और स्क्वैड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी की मृत्यु हो गयी थी।

अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने इस याचिका में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का अनुरोध किया है जो मिराज हादसे की गहराई से जांच करे।

याचिका में कहा गया है कि समिति को चूक की वजह से होने वाली इस तरह की दुर्घटनाओं के लिये लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करने तथा भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति रोकने के उपायों के बारे में सुझाव देने चाहिए। याचिकाकर्ता ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा है कि 2015-16 में भारतीय वायु सेना 35 से अधिक विमान और हेलीकाप्टर गंवा चुकी है और इसमें 45 मौतें हुई हैं। 

याचिका के अनुसार 2011 से भारतीय वायु सेना, सेना और नौसेना ने 75 से अधिक विमानों और हेलीकाप्टरों की दुर्घटनायें रिकार्ड की हैं जिसमे 80 से अधिक व्यक्तियों की जान गयी है।  याचिका में कहा गया है कि यह मुद्दा भारतीय वायु सेना के विमान दुर्घटना पीड़ितों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के बारे में है।

इस बीच, एक अन्य घटनाक्रम में अब्राल के परिवार ने कहा है कि नौकरशाह तो मलाई काट रहे हैं जबकि वायु सैनिकों को लड़ाई के लिये ‘पुरानी मशीनें’ दी जा रही हैं।(पीटीआई इनपुट के साथ)

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