शहीद सैन्य अधिकारी के सहपाठियों ने उनकी यूनिट के लिए दिवाली की मिठाई भेजी

By भाषा | Updated: November 12, 2020 12:00 IST2020-11-12T12:00:02+5:302020-11-12T12:00:02+5:30

Martyr military officer's classmates sent Diwali sweets to his unit | शहीद सैन्य अधिकारी के सहपाठियों ने उनकी यूनिट के लिए दिवाली की मिठाई भेजी

शहीद सैन्य अधिकारी के सहपाठियों ने उनकी यूनिट के लिए दिवाली की मिठाई भेजी

मुंबई, 12 नवंबर जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 2015 में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद होने वाले एक सैन्य अधिकारी के सहपाठियों ने दिवाली से पहले उनकी यूनिट के सैनिकों को 300 किलोग्राम मिठाइयां भेजीं।

41 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष महादिक नवंबर 2015 में कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास कुपवाड़ा के हाजी नाका वन क्षेत्र में अभियान के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उन्होंने एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

इस पहल में शामिल उनके एक सहपाठी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "मंगलवार को लगभग 300 किलोग्राम मिठाई से भरा बक्सा श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतारा गया और फिर उसे 41 राष्ट्रीय राइफल्स की इकाई में पहुंचाया गया और कल उन सैनकों के बीच मिठाइयां बांटी गईं, जिनका नेतृत्त्व कर्नल महादिक करते थे।’’

शौर्य चक्र और सेना पदक से सम्मानित कर्नल महादिक 1987-94 के दौरान महाराष्ट्र के सैनिक स्कूल सतारा के छात्र थे।

उनके सहपाठी ने कहा, ‘‘मातृभूमि के लिए दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान के बाद से ही हम उनके साथी सैनिकों को दिवाली की मिठाई भेज रहे हैं, जो मुश्किल हालातों का सामना करते हैं और सीमा पार के दुश्मनों का मुँहतोड़ जवाब देते हैं। यह उन सैनिकों के लिए हमारी ओर से एक छोटा सा उपहार है, जो दिवाली पर भी अपने परिवारों से दूर रहकर देश की रक्षा करते हैं।’’

प्रतिष्ठित 21 पैरा-स्पेशल फोर्सेस यूनिट के अधिकारी कर्नल महादिक को 2003 में पूर्वोत्तर में अभियान राइनो के दौरान वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था।

सैनिक स्कूल के उनके दोस्तों ने बताया कि कर्नल महादिक एक शानदार फुटबॉल गोलकीपर, एक कुशल घुड़सवार और एक बेहतरीन मुक्केबाज थे।

उनके सहपाठी ने बताया कि कुपवाड़ा जैसे दुर्गम इलाके में अभियान का संचालन करना बेहद चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद, कर्नल ने अपनी बटालियन और अभियान का नेतृत्व करने का निर्णय लिया।

26 साल पहले सैनिक स्कूल से पास हुए बैच के महादिक के सहपाठी पिछले पाँच सालों से जवानों के लिए मिठाइयां भेज रहे हैं, जिसे वे ऑपरेशन दिवाली कहते हैं।

वीरगति को प्राप्त महादिक की पत्नी कैप्टन स्वाति महादिक को 2017 में सेना में नियुक्त किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे पति का सपना है। मेरे अन्य सपने थे। मैं अपने बच्चों कार्तिकी और स्वराज के साथ रहना चाहती थी, लेकिन मैं उनके सपने को पूरा कर रही हूं।"

उन्होंने कहा, "मेरे पति को सेना में रहना पसंद था। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी, इसलिए उनके शहीद होने के बाद, मैंने इस वर्दी को पहनने का फैसला किया।

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