पटना हाई कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर 15 लाख का जुर्माना लगाया, बोर्ड के नतीजों से जुड़ा है पूरा मामला, जानिए

By एस पी सिन्हा | Published: July 29, 2022 02:55 PM2022-07-29T14:55:20+5:302022-07-29T14:57:51+5:30

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर दो मामलों में 10 और 5 लाख के जुर्माने लगाए गए हैं. एक मामले में छात्रा ने 2012 में इंटर साइंस विषय से परीक्षा दिया था, उसका रिजल्ट 2020 में आया और दूसरी छात्रा जिसने फर्स्ट डिवीजन से दसवीं पास किया उसकी मार्कशीट और सर्टिफिकेट दोनों रोक दिया गया था.

Marksheet not received even after 6 years, Patna High Court fined Bihar School Examination Committee | पटना हाई कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर 15 लाख का जुर्माना लगाया, बोर्ड के नतीजों से जुड़ा है पूरा मामला, जानिए

पटना हाई कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर लगाया भारी जुर्मान

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर दो मामलों में भारी अर्थदण्ड लगाया है. जुर्माना दो छात्राओं की अर्जी पर लगाया गया है. हाईकोर्ट ने मैट्रिक परीक्षा पास करने के 6 साल बाद भी मार्कशीट नहीं दिए जाने के कारण यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बोर्ड को अर्थदण्ड की राशि को याचिकाकर्ता के बैंक खाते में भेजने के निर्देश दिया है. 

न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने सरस्वती कुमारी और गौरी शंकर शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार नवादा जिले के आदर्श हायर सेकेंडरी की छात्रा सरस्वती कुमारी और बेगूसराय जिले के बीकेएसकेएस इंदर कॉलेज की छात्रा गौरी शंकर शर्मा दोनों छात्राओं के परीक्षा देने के बाद भी प्रमाणपत्र नही मिला था।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर 10 और 5 लाख रुपये का जुर्माना

मामले में न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा के एकपीठ ने बिहार बोर्ड के ऊपर एक केस में 10 लाख, जबकि दूसरे केस में 5 लाख का जुर्माना लगाया. कोर्ट का कहना है कि ये राशी छात्राओं के भविष्य के लिए पर्याप्त नही है. 

दरअसल, एक छात्रा जिसने 2012 में इंटर साइंस विषय से परीक्षा दिया था, उसका रिजल्ट 2020 में आया और दूसरी छात्रा जिसने फर्स्ट डिवीजन से दसवीं पास किया उसी मार्कशीट और सर्टिफिकेट दोनों रोक दिया गया था. बोर्ड ने इसके पीछे का कारण यह बताया कि स्कूल ने रजिस्ट्रेशन फीस जमा नही किया है, जिसके कारण छात्रों का रिजल्ट स्कूल में नहीं गया. 

कोर्ट ने बोर्ड की इस दलील पर कहा कि किसी दूसरे की गलती का खामियाजा किसी भी छात्र को कैसे दी जा सकती है? बोर्ड के इस कार्य से छात्र का जीवन बर्बाद हो जाएगा. कोर्ट ने बिहार बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा है कि छात्रो का सुनहरा भविष्य इंटर पास होने के बाद शुरू होता है. रिजल्ट रोककर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. सर्टिफिकेट 2016 में तैयार होने के बाद भी प्रोविजनल सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर 2019 में किया गया, जिसमे साफ तौर पर बोर्ड की लापरवाही देखी गई है.

Web Title: Marksheet not received even after 6 years, Patna High Court fined Bihar School Examination Committee

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