केरल की सरकार ने यहां चार अवैध अपार्टमेंट परिसरों से निवासियों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।
अधिकारी निवासियों से मुलाकात कर उन्हें फ्लैट छोड़ने में सहयोग कर रहे हैं। वहीं निवासियों के एक समूह ने आज प्रदर्शन खत्म कर दिया और तीन अक्टूबर से पहले अपने घर खाली करने की इच्छा जताई। फोर्ट कोच्चि के उप जिलाधिकारी स्नेहिल कुमार सिंह ने कहा कि खाली करने की प्रक्रिया तीन अक्टूबर से पहले पूरी होगी। यहां तटीय नियमन जोन के प्रावधानों का उल्लंघन कर 343 फ्लैट बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से पूरी होगी और नगर निकाय के अधिकारी निवासियों को बताएंगे कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना है और उनके पुनर्वास में सहयोग की पेशकश की। इस बीच ‘‘भूख हड़ताल’’ पर चल रहे अपार्टमेंट परिसर के एक धड़े के निवासियों ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया।
एर्णाकुलम जिले के प्रशासन द्वारा उनकी कुछ मांगें पूरी करने के बाद उन्होंने प्रदर्शन खत्म किया। जिला कलेक्टर एस. सुहास के साथ बैठक के बाद निवासियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि फ्लैट खाली कर नये घर तलाशने में उनका हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
निवासियों ने फ्लैट खाली करने के लिए और समय की मांग की और कहा कि वैकल्पिक घर का किराया सरकार वहन करे। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को निर्देश दिया था कि 138 दिनों के अंदर अपार्टमेंट परिसर को ढहा दिया जाए अैर राज्य सरकार को कहा कि हर फ्लैट मालिक को चार हफ्ते के अंदर 25- 25 लाख रुपये का भुगतान किया जाए।
सिंह ने कहा, ‘‘यह बातचीत उन्हें यह बताने के लिए है कि समय खत्म हो गया है...आपको फ्लैट खाली करना शुरू करना होगा। उन्हें उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पालन करना होगा। हमें उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पालन करना होगा। इस बारे में कोई सवाल नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि अपार्टमेंट परिसर का दौरा करने वाले अधिकारी निवासियों की जरूरतों का पता लगाएंगे। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उन्हें जबरन खाली नहीं करा रहे हैं। वे हमारे साथी नागरिक हैं। हमें उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करना है।’’
न्यायालय ने फ्लैट तोड़ने के आदेश के खिलाफ मालिकों की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
उच्चतम न्यायालय ने कोच्चि के तटीय क्षेत्र में बने मरदु फ्लैटों को तोड़ने के फैसले पर रोक की मांग करने वाली फ्लैट मालिकों की याचिका पर सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस. रविन्द्र भट ने फ्लैट मालिकों की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिन्होंने उस समिति की वैधता को भी चुनौती दी है जिसने मरदु फ्लैटों को तोड़ने का सुझाव दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने गत शुक्रवार को कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैटों को केरल सरकार द्वारा दी गई समय सीमा के अनुसार 138 दिन में गिरा देने का आदेश दिया था। न्यायालय ने हर प्रभावित मरदु फ्लैट मालिक को चार सप्ताह में अंतरिम मुआवजे के तौर पर 25-25 लाख रुपए राज्य सरकार द्वारा दिए जाने का भी आदेश दिया था।