अस्पताल में बेड नहीं मिलने के कारण बहुत लोगों को बीमा का फायदा नहीं मिला : अदालत

By भाषा | Updated: May 27, 2021 20:56 IST2021-05-27T20:56:16+5:302021-05-27T20:56:16+5:30

Many people did not get the benefit of insurance due to lack of beds in the hospital: court | अस्पताल में बेड नहीं मिलने के कारण बहुत लोगों को बीमा का फायदा नहीं मिला : अदालत

अस्पताल में बेड नहीं मिलने के कारण बहुत लोगों को बीमा का फायदा नहीं मिला : अदालत

नयी दिल्ली, 27 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोगों को बीमा के फायदे नहीं मिल पाए क्योंकि चिकित्सा बुनियादी ढांचे की कमी से उन्हें अस्पतालों में बेड ही नहीं मिल पाया। अदालत ने बीमा क्षेत्र के नियामक आईआरडीए से इस मुद्दे पर गौर करने को कहा है।

अदालत को अवगत कराया गया कि कोविड के लिए निर्धारित बीमा योजना में ‘ब्लैक फंगस’ की बीमारी के लिए भी सुविधा नहीं मिल पाएगी क्योंकि ये बीमा केवल 14 दिन के होते हैं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘सामान्य जानकारी के तौर पर और इस पर हम न्यायिक नोटिस ले सकते हैं कि जब महामारी की वर्तमान लहर अपने चरम पर थी, न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में अस्पताल में बेड की भारी कमी थी।’’

पीठ ने कहा कि कोविड-19 से जूझ रहे लोगों, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत थी, वे बेड या आईसीयू, वेटिंलेटर वाले आईसीयू नहीं रहने के कारण भर्ती नहीं हो पाए। इस वजह से जिन्हें अस्पतालों में इलाज की जरूरत थी उन्होंने घर पर ही उपचार कराया।

अदालत ने कहा कि विभिन्न कंपनियों द्वारा जारी बीमा योजनाओं के दायरे में कई दावे नहीं आते जब तक कि मरीज अस्पताल में ना भर्ती हो और ऐसा प्रतीत होता है कि केवल ‘कोरोना कवच’ योजना के दायरे में ही घर पर उपचार की सुविधा है।

पीठ ने कहा, ‘‘इस वजह से बड़ी संख्या में बीमा कराने वाले लोगों को योजना के तहत कोई फायदा इसलिए नहीं मिलेगा कि उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिला, जबकि चिकित्सकीय ढांचे की किल्लत के कारण इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी।’’

पीठ ने बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) से बीमा कंपनियों से नियम और शर्तों पर चर्चा करने को कहा।

पीठ ने आईआरडीए से 65 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए खास कोविड बीमा योजना लाने पर भी विचार करने को कहा।

आईआरडीए की ओर से पेश वकील अभिषेक नंदा ने पीठ को बताया कि महामारी के मद्देनजर उसने दो बीमा योजनाओं को अधिसूचित किया। इसमें ‘कोरोना कवच’ योजना और ‘कोरोना रक्षक’ योजना है। इसके अलावा विभिन्न कंपनियां भी बीमा योजनाएं पेश कर रही हैं।

आईआरडीए के वकील ने कहा कि 30 अप्रैल तक 36.37 लाख ‘कोरोना कवच’ बीमा योजना और 4.73 लाख ‘कोरोना रक्षक’ बीमा योजना जारी की गयी।

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