Manoj Jarange Patil Maratha Morcha: बाजी मार गए जरांगे, मिलेगा आरक्षण?, कुनबी जाति प्रमाण पत्र के लिए समिति, देखिए मुख्य बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 2, 2025 18:37 IST2025-09-02T18:05:24+5:302025-09-02T18:37:31+5:30
Manoj Jarange Patil Maratha Morcha: कार्यकर्ता ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से भूख हड़ताल शुरू की थी।

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Manoj Jarange Patil Maratha Morcha: मराठा आरक्षण की मांग पर जीत की घोषणा के बाद कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुंबई में पांच दिन से जारी अपना अनशन खत्म किया। कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन अनशन के पांचवें दिन अपनी अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिए जाने के बाद जीत की घोषणा की जिससे यहां उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है। मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा जिन मांगों को स्वीकार किया गया है उनमें पात्र मराठों को कुनबी जाति का होने का प्रमाण पत्र देना भी शामिल है। मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति के साथ बैठक के बाद जरांगे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के लिये प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा, “हम जीत गए हैं”।
VIDEO | Maratha quota stir: Activist Manoj Jarange says, "Maharashtra govt has promised to withdraw cases against Maratha quota agitators, and pay compensation to kin of stir victims in a week."
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/dv5TRAShcC)#MarathaQuota… pic.twitter.com/A9KJTIs4MD
विखे पाटिल ने समिति के अन्य सदस्यों शिवेन्द्रसिंह भोसले, उदय सामंत, माणिकराव कोकाटे के साथ दोपहर में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में जरांगे से मुलाकात की और समिति द्वारा अंतिम रूप दिए गए मसौदे पर उनके साथ चर्चा की। आजाद मैदान में ही आरक्षण की मांग को लेकर मराठा कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर हैं।
जरांगे ने कहा, “अगर महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण की मांग पर सरकारी आदेश (जीआर) जारी करती है तो हम आज रात नौ बजे तक मुंबई छोड़ देंगे।” उप-समिति ने हैदराबाद गजट को लागू करने की जरांगे की मांग को स्वीकार कर लिया और कहा कि कुनबी रिकॉर्ड वाले मराठों को उचित जांच के बाद जाति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
जरांगे ने अपने समर्थकों के समक्ष समिति के मसौदा बिंदुओं को पढ़ा, जिसमें कहा गया था कि समिति ने हैदराबाद राजपत्र के कार्यान्वयन को स्वीकार कर लिया है और तत्काल जीआर जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सतारा गजट का क्रियान्वयन एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समिति द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार, मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पहले दर्ज किए गए मामले सितंबर के अंत तक वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि अब तक विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को शैक्षिक योग्यता के अनुसार एक सप्ताह के भीतर वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी दी जाएगी।
समिति ने जरांगे को बताया कि अब तक 15 करोड़ रुपये की सहायता (जान गंवा चुके प्रदर्शनकारियों के परिजनों को) दी जा चुकी है तथा शेष राशि एक सप्ताह में दे दी जाएगी। विखे पाटिल ने कहा कि ‘सेज सोयारे’ (रक्त संबंधियों) अधिसूचना पर आठ लाख आपत्तियां प्राप्त हुई हैं और सरकार को उनकी जांच के लिए समय चाहिए।
मंत्री ने कहा कि सरकार यह कहते हुए जीआर जारी करने के लिए कानूनी विकल्प भी तलाश रही है कि कुनबी और मराठा एक ही समुदाय हैं, और इस प्रक्रिया में दो महीने लगेंगे। जरांगे की जीत की घोषणा के बाद, आजाद मैदान और उसके आसपास मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के बीच जश्न का माहौल बन गया। कार्यकर्ता ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से भूख हड़ताल शुरू की थी।