पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि देश के अर्थव्यवस्था की हालत चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से बदले की राजनीति छोड़कर समझदार लोगों से बात करने की सलाह दी है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'क्या उन्होंने बदले की राजनीति छोड़कर समझदार लोगों से बात करने का सलाह दी है? अगर उन्होंने ऐसा कहा कि तो ठीक है शुक्रिया। मैंने उनके बयान को स्वीकार कर लिया है। यही मेरा जवाब है।'
अर्थव्यवस्था की सुस्ती के सवाल पर वित्तमंत्री ने कहा कि वो उद्योगपतियों से मिल रही हैं। उनसे सुझाव ले रही हैं कि सरकार से क्या चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं उनका जवाब दे रही हूं। मैंने पहले भी दो बार किया है। आगे भी करती रहूंगी।'
अर्थव्यवस्था की हालत को ‘बहुत चिंताजनक’ बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को सरकार से अनुरोध किया कि वह ‘बदले की राजनीति’ को छोड़े और अर्थव्यवस्था को मानव-रचित संकट से बाहर निकलने के लिए सही सोच-समझ वाले लोगों से संपर्क करे। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी में जल्दबाजी को मानव रचित संकट बताया है। कांग्रेस नेता का कहना है कि यह आर्थिक नरमी मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन की वजह से है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘वर्तमान में अर्थव्यवस्था की हालत बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि मात्र पांच प्रतिशत तक सीमित रहना नरमी के लम्बे समय तक बने रहने का संकेत है। भारत में तेजी से वृद्धि की संभावनाएं हैं लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के कारण यह नरमी आयी है।’’ सिंह ने कहा कि देश के युवा वर्ग, किसान, खेतीहर मजदूर, उद्यमी और वंचित तबके को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत इस रास्ते और आगे नहीं बढ़ सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई और पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर