रासुका के तहत गिरफ्तार मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता न्यायालय के आदेश के बाद रिहा

By भाषा | Updated: July 19, 2021 19:59 IST2021-07-19T19:59:08+5:302021-07-19T19:59:08+5:30

Manipur political activist arrested under Rasuka released after court order | रासुका के तहत गिरफ्तार मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता न्यायालय के आदेश के बाद रिहा

रासुका के तहत गिरफ्तार मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता न्यायालय के आदेश के बाद रिहा

नयी दिल्ली, 19 जुलाई कोविड-19 के उपचार के लिए गोबर और गोमूत्र के इस्तेमाल की वकालत करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की आलोचना करने पर रासुका के तहत हिरासत में लिए गए मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता लिचोमबाम इरेंद्रो को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद सोमवार शाम को रिहा कर दिया गया। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि उसे एक दिन भी जेल में नहीं रखा जा सकता।

इरेंद्रो के पिता की ओर से जमानत याचिका दाखिल करने वाले वकील शादान फरासत ने कहा,‘‘ उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए उसे शाम चार बजकर 45 मिनट पर रिहा कर दिया गया।’

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने दिन में कहा था कि उनको हिरासत में रखने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।

पीठ ने याचिकाकर्ता को रिहा करने के निर्देश दिए थे। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि मणिपुर सरकार को इस अदालत के आदेश का अनुपालन शाम पांच बजे तक या उससे पहले करना होगा।

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि मणिपुर जेल अधिकारियों को इस आदेश के बारे में तुरंत सूचित किया जाए ताकि सोमवार शाम पांच बजे तक कार्यकर्ता को रिहा किया जा सके।

सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि वह याचिका का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन जवाब दाखिल करेंगे। इसके बाद पीठ ने याचिका को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

इससे पहले, राजनीतिक कार्यकर्ता के पिता एल रघुमणि सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता फरासत ने कहा था कि निवारक निरोध खंड का उपयोग ऐसे मामले में किया गया है, जहां साधारण दंड प्रावधानों की भी आवश्यकता नहीं है।

याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत राजनीतिक कार्यकर्ता को हिरासत में रखने को चुनौती दी गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ऐसा केवल कोविड-19 के इलाज के रूप में गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की वकालत करने वाले भाजपा नेताओं की आलोचना करने के कारण ‘‘उनको सजा देने के लिए’’ किया गया।

याचिका में दावा किया गया था कि इरेंद्रो ने 13 मई को ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा था कि कोविड-19 का इलाज गोबर तथा गोमूत्र नहीं है।

याचिका में कहा गया, ‘‘ मणिपुर भाजपा के प्रमुख के निधन के बाद भाजपा नेताओं के कोविड-19 से निपटने के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल करने जैसे अवैज्ञानिक तथ्यों तथा उनके गलत जानकारियां फैलाने की आलोचना करने के संदर्भ में वह बयान दिया गया था।’’

याचिका में कहा गया कि 13 मई को ‘पोस्ट’ करने के बाद उसे हटा भी दिया गया था। वकील फरासत ने कहा कि इस आलोचना के लिए इरेंद्रो ने अपने खिलाफ शुरू किए गए आपराधिक मामलों के अनुसार हिरासत में कुछ दिन बिताए और उसके बाद जमानत मिलने के बाद भी वह हिरासत में हैं।

याचिका में कहा गया है कि इरेंद्रो को जमानत दे दी गई थी, लेकिन जिला मजिस्ट्रेट के रासुका के तहत उन्हें हिरासत में रखने का आदेश देने के कारण रिहा नहीं किया गया।

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Web Title: Manipur political activist arrested under Rasuka released after court order

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