ममता ने मुख्य सचिव को आज सेवानिवृत्ति के बाद बनाया अपना मुख्य सलाहकार

By भाषा | Updated: May 31, 2021 18:12 IST2021-05-31T18:12:33+5:302021-05-31T18:12:33+5:30

Mamta made Chief Secretary her Chief Advisor after retirement today | ममता ने मुख्य सचिव को आज सेवानिवृत्ति के बाद बनाया अपना मुख्य सलाहकार

ममता ने मुख्य सचिव को आज सेवानिवृत्ति के बाद बनाया अपना मुख्य सलाहकार

कोलकाता, 31 मई पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवा विस्तार के बाद केंद्र द्वारा दिल्ली बुलाए जाने को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि आज सेवानिवृत्त हुए मुख्य सचिव अगले तीन सालों तक उनके मुख्य सलाहकार बने रहेंगे।

इससे पहले बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मुख्य सचिव को वापस बुलाने के केंद्र के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था और कहा था कि उनकी सरकार शीर्ष नौकरशाह को “कार्यमुक्त नहीं कर रही” है।

ममता ने बताया कि उनके इस पत्र पर केंद्र का जवाब आया है जिसके मुताबिक बंदोपाध्याय को मंगलवार को “नॉर्थ ब्लॉक” में कार्यभार संभालने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र के पत्र में मुख्य सचिव को वापस बुलाए जाने की वजह का जिक्र नहीं किया गया है।

ममता ने यहां कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना कार्यभार ग्रहण करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, गैर सरकारी संगठनों से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसा निरंकुश व्यवहार कर रहे हैं।

बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पांच पन्नों के पत्र में, मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने के बाद, उन्हें वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुन:विचार करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह केंद्र के फैसले से स्तब्ध हैं। उन्होंने आदेश को “एकपक्षीय” करार दिया जो राज्य सरकार से “बिना कोई परामर्श किये” जारी किया गया है।

बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, “यह तथाकथित एकपक्षीय आदेश बेवजह और आपकी खुद की स्वीकारोक्ति के उलट तथा राज्य व उसके लोगों के हितों के खिलाफ है। मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करती हूं कि व्यापक जनहित में अपने तथाकथित नवीनतम आदेश को वापस लें, पुनर्विचार करें और उसे रद्द करें। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की तरफ से आपसे अंतरात्मा और अच्छी भावना से ऐसा करने की अपील करती हूं।”

उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार संकट के इस समय में मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती, ना ही उन्हें कार्यमुक्त कर रही है। हमारी समझ के मुताबिक, लागू कानूनों के आधार पर वैध परामर्श के बाद जारी किया गया सेवा-विस्तार का पिछला आदेश लागू व मान्य है।”

केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई की रात को बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और शीर्ष नौकरशाह को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली में कार्यभार संभालने को कहा था।

केन्द्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान ‘‘यास’’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया।

1987 बैच के, पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय को साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होना था। बहरहाल, उन्हें केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद बंगाल के मुख्य सचिव के तौर पर तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया।

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