पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के विरोध में ममता इलेक्ट्रिक स्कूटर से कार्यालय आई, घर गईं

By भाषा | Updated: February 25, 2021 20:25 IST2021-02-25T20:25:16+5:302021-02-25T20:25:16+5:30

Mamta came to office on electric scooter to protest against the increase in petrol prices, went home | पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के विरोध में ममता इलेक्ट्रिक स्कूटर से कार्यालय आई, घर गईं

पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के विरोध में ममता इलेक्ट्रिक स्कूटर से कार्यालय आई, घर गईं

कोलकाता, 25 फरवरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के खिलाफ बृहस्पतिवार को अनोखे तरीके से विरोध दर्ज कराया। वह इलेक्ट्रिक स्कूटर पर बैठकर राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ पहुंचीं और वापसी का सफर भी इसी वाहन से किया।

सुबह ममता जब कार्यालय गईं तो स्कूटर राज्य सरकार में मंत्री एवं कोलकाता के महापौर फिरहद हकीम चला रहे थे और वह पीछे बैठी थीं।

वहीं, दोपहर में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष स्वयं ई-स्कूटर चलाकर राज्य सचिवालय से कालीघाट इलाके स्थित अपने आवास गईं।

सुबह स्कूटर पर सवार ममता बनर्जी ने गले में तख्ती टांग रखी थी, जिसपर ईंधन के दाम में वृद्धि के खिलाफ नारे लिखे थे, उन्होंने हेलमेट पहन रखा था। उन्होंने हाजरा मोड़ से राज्य सचिवालय के बीच सात किलोमीटर का सफर स्कूटर पर तय करते हुए सड़क के दोनों ओर चल रहे लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

वापसी में मुख्यमंत्री ने स्वयं वाहन चलाने का फैसला किया और वह मंद गति के साथ हकीम के साथ लौटी जबकि सुरक्षा कर्मी उनके आगे-पीछे थे।

ममता बनर्जी ने रवींद्र सदन-एक्साइड चौराहे तक खुद ई-स्कूटर चलाया और इसके बाद हकीम ड्राइविंग सीट पर चले आए लेकिन जैसे ही स्कूटर हरीश मुखर्जी रोड पहुंची एकबार फिर ममता बनर्जी ने ड्राइविंग सीट संभाली और अपने घर तक स्कूटर चलाते हुए पहुंची।

मुख्यमंत्री ने वापसी में अलग रास्ता लिया और विद्यासागर सेतु-एजेसी बोस रोड-हरीश मुखर्जी रोड हाजरा होते घर लौटीं।

सुबह करीब 45 मिनट के सफर के बाद ‘नबान्न’ पहुंची ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलेचना करते हुए कहा, ‘‘हम ईंधन की कीमतों में वृद्धि का विरोध कर रहे हैं। मोदी सरकार केवल झूठे वादे करती है। उन्होंने (केंद्र) ईंधन की कीमत को कम करने के लिए कुछ नहीं किया। आप मोदी सरकार के सत्ता में आने और अब के पेट्रोल की कीमतों में अंतर को देख सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस शुक्रवार से ईंधन के दामों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करेगी।

राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा की आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।

पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

बनर्जी ने कहा, ‘‘ सत्ता में आने से पहले भाजपा ने लोगों को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन देने का वादा किया था और अब वह ईंधन के दाम बढ़ा रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और शाह (केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह) देश को बेच रहे हैं। वे मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक उपक्रमों को बेच रहे हैं। यह जनविरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी एवं किसान विरोधी सरकार है।’’

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने अहमदाबाद स्थित सरदार पटेल स्टेडियम, जिसे मोटेरा स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है, का नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर करने की भी भाजपा सरकार की आलोचना की।

बनर्जी ने मखौल उड़ाते हुए कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने स्टेडियम का नाम बदला, कौन जानता है, आने वाले दिनों में देश का नाम भी बदल दे।’’

अपने अनोखे विरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिस तरह से पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमत बढ़ रही है उसका विरोध करने के लिए मैंने ई-स्कूटर की सवारी की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मध्यम वर्ग परिवार को महीने में दो रसोई गैस सिलेंडर चाहिए लेकिन अब वह इन्हें खरीद नहीं पा रहा। हमारे राज्य में एक करोड़ लोग किरासन तेल पर निर्भर हैं जो अब उन्हें नहीं मिल रहा।’’

मुख्यमंत्री जब स्कूटर से जा रही थीं तो उस समय सुरक्षा कर्मी दुपहिया वाहनों और किराए पर ली गई दो पीली टैक्सी से चल रहे थे जबकि अन्य वाहन कुछ दूरी बनाकर चले रहे थे।

हाजरा-एक्साइड-एजेसी बोस रोड-विद्यासागर सेतु के रास्ते पर कड़ी सुरक्षा थी। स्कूटर पर सवार मुख्यमंत्री की एक झलक पाने के लिए कौतुहलवश लोग रास्ते पर खड़े नजर आए।

हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इस प्रदर्शन को ‘चुनावी स्टंट’ करार दिया है।

भाजपा नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री चुनाव से पहले अनोखे तरीके से नाटक कर रही हैं लेकिन राज्य सरकार ईंधन के दाम में मामूली कमी लाने के लिए भी कुछ नहीं कर रही है।’’

पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘‘यह कुछ और नहीं बस चुनावी स्टंट है। क्यों नहीं सरकार आम लोगों की मदद के लिए उपकर को वापस लेती है, जिसका ईंधन की कीमत पर काफी प्रभाव पड़ेगा।’’

वाम मोर्चा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ बनर्जी के प्रदर्शन की तुलना उनकी लालगढ आंदोलन के दौरान पूर्व पीसीएपीए नेता छत्रधर महतो की मोटरसाइकिल पर की गई यात्रा से की।

उन्होंने कहा, ‘‘बनर्जी ने राज्य की सत्ता में आने से पहले जंगलमहल इलाके का दौरा छत्रधर महतो की मोटरसाइकिल पर बैठकर किया था और बाद में इलाके के लोगों ने तृणमूल कांग्रेस के भय और आतंक को देखा।

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