कुपोषण और बीमारियों का सीधा संबंध : विश्व खाद्य कार्यक्रम भारत के निदेशक

By भाषा | Updated: June 13, 2021 17:09 IST2021-06-13T17:09:08+5:302021-06-13T17:09:08+5:30

Malnutrition and diseases are directly related: Director of World Food Program India | कुपोषण और बीमारियों का सीधा संबंध : विश्व खाद्य कार्यक्रम भारत के निदेशक

कुपोषण और बीमारियों का सीधा संबंध : विश्व खाद्य कार्यक्रम भारत के निदेशक

नयी दिल्ली, 13 जून कुपोषण और बीमारियों के सीधे संबंध को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के भारत में निदेशक बिशो पाराजुली ने पोषाहारों, सुरक्षा और सस्ते आहार तक पहुंच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही उन्होंने जच्चा-बच्चा के पोषण में सुधार के लिए निवेश करने का आह्वन किया है ताकि कोविड-19 महामारी के दौरान बच्चों के पोषण के अधिकार की रक्षा की जा सके।

भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा कुपोषण का सामना कर रहा है, खासतौर पर बच्चे। राष्ट्रीय परिवार स्वस्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-4(2015-16) के आंकड़ों के मुताबिक पांच साल से कम उम्र के 35.7 प्रतिशत बच्चों का सामान्य से कम वजन है, जबकि 38.4 प्रतिशत बच्चों का कद सामान्य से कम है। वहीं इस उम्र के 21 प्रतिशत बच्चे कमजोर हैं। यहां तक कि एनएफएचएस-5 सर्वेक्षण जो देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में की गई है, उसमें भी निराशाजनक तस्वीर सामने आई है और दिख रहा है कि कुपोषण के मामलों में वृद्धि हुई है।

विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में राष्ट्र निदेशक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि कुपोषण खासतौर पर एआरआई, मलेरिया, खसरा, हैजा जैसी बीमारियों का प्राणघातक मेल है। ये प्रमुख प्राणघातक बीमारियां हैं जो बच्चों को प्रभावित करती हैं।

कोविड-19 संक्रमित बच्चों के लिए कुपोषण से अन्य बीमारियां होने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर कुपोषण का बीमारियों से सीधा संबंध है जैसे कोरोना वायरस की बीमारी।

उन्होंने कहा, ‘‘ कुपोषण से व्यक्ति में संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है क्योंकि उसकी प्रतिरक्षण क्षमता कमजोर होती है और संक्रमण से व्यक्ति और कुपोषित होता है जिससे बार-बार संक्रमित, कमजोर प्रतिरक्षण क्षमता, और पोषण के स्तर में गिरावट का एक चक्र शुरू हो जाता है। यह ज्ञात है कि कुपोषण से बीमारी का प्रभाव बढ़ जाता है और कुपोषित व्यक्ति को गंभीर बीमारी, जटिलता का सामना करना पड़ता है और अधिक दिनों तक बीमार अवस्था में रहना पड़ता है।’’

कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर में आशंका जताई जा रही है कि बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होंगे और उपलब्ध सबूतों के मुताबिक वयस्कों की तरह बच्चे भी प्रभावित होते हैं।

पाराजुली ने कहा, ‘‘हालांकि, यह अहम है कि बच्चों की देखभाल करने वाले और उनके माता-पिता का टीकाकरण हो ताकि वे बच्चों के चारों ओर तब तक सुरक्षा कवच की तरह रहें जब तक कि उनका टीकाकरण शुरू नहीं हो जाता।

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Web Title: Malnutrition and diseases are directly related: Director of World Food Program India

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