भीमा कोरेगाँव हिंसा मामला: महाराष्ट्र पुलिस ने 5 शहरों में 10 बुद्ध‌िजीवियों के घर मारा छापा, जब्त किए फ़ोन-लैपटॉप

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: August 28, 2018 17:33 IST2018-08-28T13:15:06+5:302018-08-28T17:33:49+5:30

महाराष्ट्र पुलिस एक जनवरी 2018 को भीमा कोरेगाँव में हुई हिंसा के आरोप में पहले ही 5 बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस के अनुसार उन 5 लोगों से पूछताछ के बाद कुछ लोगों के नाम सामने जिनके यहाँ मंगलवार को छापा मारा जा रहा है।

Maharasthra police raided and searched father Stan Swamy's place in Ranchi | भीमा कोरेगाँव हिंसा मामला: महाराष्ट्र पुलिस ने 5 शहरों में 10 बुद्ध‌िजीवियों के घर मारा छापा, जब्त किए फ़ोन-लैपटॉप

स्टेन स्वामी (बाएँ) और वर्नन गोनसाल्विस के घर महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त सुबह छापा मारा। (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार (28 अगस्त) सुबह  देश के पांच अलग-अलग शहरों में आठ बुद्ध‌िजीवियों के घर छापा मारा। पुलिस के अनुसार सभी बुद्धिजीवियों पर भीमा कोरेगाँव हिंसा से जुड़े होने के आरोप मं छापे मारे गये हैं। पुलिस ने वरवर राव, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया है।

महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से मंगलवार दिल्ली में पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, गोवा में प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे, रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी, मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता अरुण परेरा, सुजैन अब्राहम, वर्नन गोनसाल्विस,  हैदराबाद में  माओवाद समर्थक कवि वरवर राव, वरवर राव की बेटी अनला, पत्रकार कुरमानथ और फरीदाबाद में सुधा भारद्वाज के घर पर छापा मारा।

रांची के ह्यूमन राइट्स कार्यकर्ता स्टेन स्वामी ने मीडिया को बताया कि उनके घर मंगलवार सुबह करीब छह बजे पुलिस ने छापा मारा। स्टेन के घर महाराष्ट्र पुलिस ने रांची पुलिस के सहयोग से की। इस छापेमारी में पुलिस ने कंप्यूटर, लैपटॉप, सीडी, कागजात और किताबों जैसे कई सामान जब्त किए हैं।

स्टेन से महाराष्ट्र स्थित कुछ संगठनों के बारे में भी पूछताछ की गई। ये छापेमारी महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दर्ज एक मुक़दमे के कारण की गई। जिसमें उनके इस साल 1 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव हिंसा में संलिप्त रहने के आरोप हैं।

बता दें कि स्टेन स्वामी पर झारखण्ड सरकार ने पत्थलगड़ी मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज चुकी है। स्वामी पर आरोप है कि उन्होंने देश के खिलाफ कुछ लोगों को भड़काया है।

स्टेन के खिलाफ केस दर्ज हुआ था तो उन्होंने इस मामले को लेकर स्टेन ने एक चिठ्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने सफाई दी थी कि उन्होंने आदिवासियों को उनका हक़ लेने की बात कही, न कि देश के खिलाफ भड़काया। उन्हें बस राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है। इससे पहले साल 2012 में वे नक्सलाइट होने के मामले से भी मुक्त हुए थे।

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