महाराष्ट्र: बीजेपी शिवसेना के बिना कैसे बना सकती है सरकार, जानिए क्या है बहुमत का गणित?
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: October 29, 2019 16:06 IST2019-10-29T16:06:39+5:302019-10-29T16:06:39+5:30
BJP Government in Maharashtra: महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर शिवसेना के साथ जारी खींचतान के बीच बीजेपी अकेले ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है, जानिए कैसे

बीजेपी शिवसेना के बिना ही बना सकती है महाराष्ट्र में सरकार?
महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी तकरार से नई सरकार गठन को लेकर इंतजार और बढ़ गया है। 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के 5 दिन बाद भी अब तक नई सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया है।
शिवसेना की बीजेपी के साथ 50: 50 फॉर्मूले के तहत नई सरकार गठन में दोनों पार्टियों के लिए ढाई-ढाई साल सीएम पद की मांग से नई सरकार गठन में पेंच फंस गया है। इस मांग के बाद से दोनों पार्टियों के बीच तीखी जुबानी जंग जारी है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को दो-टूक कहा कि बीजेपी अपना चुनाव पूर्व का वादा करे और शिवसेना को विकल्प तलाशने पर मजबूर न करे।
बीजेपी अकेले बना सकती है महाराष्ट्र में सरकार?
इस बयानबाजी के बीच मंगलवार को बीजेपी और देवेंद्र फड़नवीस ने दो स्पष्ट संकेत दिए, जिससे इस बात की अटकलें भी लगनी शुरू हो गईं हैं क्या बीजेपी अकेले सरकार बनाने के मूड में है?
पहला, फड़नवीस ने साफ कर दिया है कि शिवसेना के साथ ढाई-ढाई सीएम पद की डील की उन्हें कोई जानकारी नहीं है, साथ ही उन्होंने अपने मुख्यमंत्री बनने की बात कहते हुए एक तरह से शिवसेना की मांग खारिज करने की कोशिश की।
वहीं दूसरी ओर फड़नवीस ने ये भी कहा कि 15 निर्दलीय विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार हैं। मंगलवार को ही बीजेपी के एक और सासंद संजय ककाडे ने ये कहकर चौंका दिया कि शिवसेना के 45 विधायक बीजेपी के संपर्क में है और उसकी सरकार को समर्थन देना चहते हैं।
इन बयानों के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी शिवसेना की ढाई-ढाई साल सीएम पद की मांग पर अड़ने रहने से तंग आकर अब अकेले ही सरकार गठन के फॉर्मूले पर विचार कर रही है।
बीजेपी महाराष्ट्र में कैसे बना सकती है अकेले सरकार?
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं, यानी इस गठबंधन ने 161 सीटें जीती हैं। वहीं कांग्रेस ने 44 जबकि एनसीपी ने 54 सीटों समेत इस गठबंधन ने 98 सीटें जीती हैं।
| पार्टी का नाम | कितनी सीटों पर मिली जीत (कुल 288 सीटें) |
| भारतीय जनता पार्टी | 105 |
| शिवसेना | 56 |
| नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी | 54 |
| इंडियन नेशनल कांग्रेस | 44 |
| निर्दलीय | 13 |
| बहुजन विकास अघाड़ी | 03 |
| ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन | 02 |
| प्रहर जनशक्ती पक्ष | 02 |
| समाजवादी पार्टी | 02 |
| कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) | 01 |
| जन सुराज्य शक्ति | 01 |
| क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी | 01 |
| महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना | 01 |
| राष्ट्रीय समाज पक्ष | 01 |
| स्वाभिमानी पक्ष | 01 |
| पीजैन्ट्स एण्ड वर्कर्स पार्टी ऑफ इण्डिया | 01 |
अब अगर बीजेपी अकेले सरकार बनाने की कोशिश करती है तो उसे बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटों के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 40 सीटों की और जरूरत होगी। अब अगर फड़नवीस के दावों पर यकीन करें तो बीजेपी को मिल रहे 15 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से बीजेपी का आंकड़ा 120 तक पहुंचेगा। लेकिन फिर भी उसे बहुमत के लिए 25 और विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।
ऐसे में वह शिवसेना के विधायकों को अपने पाले में करने जैसे विकल्प आजमा सकती है। जैसा कि खुद बीजेपी सांसद संजय ककाडे ने दावा किया कि शिवसेना के 45 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं।
वहीं एक और गणित ये भी हो सकता है कि 54 सीटें जीतने वाली शरद पवार की पार्टी एनसीपी कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर ले, उस स्थिति में बीजेपी-एनसीपी गठबंधन के सीटों की संख्या 159 हो जाएगी, हालांकि इस बात की संभावनाएं बेहद कम हैं कि एनसीपी कभी बीजेपी का समर्थन करेगी।
इन चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई सरकार नवंबर के पहले हफ्ते में शपथ ले सकती है। लेकिन इसके बाद ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी अकेले अपना समर्थन कैसे साबित करती है?