महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस की दूसरी दफा सरकार बन जाने के बाद सियासी घमासान जोरों पर है। एक तरफ कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है तो वहीं वरिष्ठ नेता सोशल प्लेटफॉर्म्स पर शब्दों के गहरे बाण छोड़ने से चूक नहीं रहे हैं। शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत ने ट्वीट कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उनकी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''एक्सीडेंटल शपथग्रहण।''
बता दें कि शनिवार (23 नवंबर) को संजय राउत के बयानों में तब्दीली देखी गई। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने एनसीपी नेता और मौजूदा अल्पमत की सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
बाद में आए अपने एक बयान में राउत ने कहा कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है और जिसने भी यह काम किया है, उसके बारे में जल्द पार्टी के अखबार सामना में खुलासा किया जाएगा।
संजय राउत ने शक्ति परीक्षण को लेकर यह भी चुनौती दी कि फड़नवीस और अजित पवार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करके दिखाएं।
शनिवार सुबह सरकार गठन के बाद राजनीति में उस वक्त ट्विट आ गया जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में स्पष्ट किया कि अजित पवार ने बीजेपी को व्यक्तिगत समर्थन दिया है जबकि एनसीपी बीजेपी के खिलाफ है। इसके बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ साझा प्रेस वार्ता कर स्पष्ट कर दिया कि बीजेपी और अजित पवार की सरकार के खिलाफ वह हर वो कोशिश करेंगे जो जरूरी होगी।
शाम तक तीनों दलों एनसीपी, कांग्रेस औंर शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिका में यह भी आग्रह किया गया है शक्ति परीक्षण शीघ्र कराया जाए ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त न हो सके।