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महाराष्ट्रः शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने कहा-समय आ गया, राज्यपाल कोश्यारी को घर वापस भेजा जाना चाहिए या जेल, बयान पर हंगामा जारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 30, 2022 19:08 IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मुंबई के संबंध में राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। विकास में मराठी लोगों द्वारा किए गए योगदान को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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ठळक मुद्देविपक्षी दलों ने भी राज्यपाल की टिप्पणी की निंदा की।विवाद के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है। मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था।

मुंबईः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की उस टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो ‘‘शहर के पास न तो पैसे रहेंगे’’ और न ही वित्तीय राजधानी का तमगा रहेगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मुंबई के संबंध में राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शहर के विकास में मराठी लोगों द्वारा किए गए योगदान को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विपक्षी दलों ने भी राज्यपाल की टिप्पणी की निंदा की और उनसे इस टिप्पणी को लेकर माफी मांगने की मांग की।

इस बीच, टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है। उन्होंने कहा कि उनका ‘‘मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था।’’ राज्यपाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी को ‘‘तोड़-मरोड़’’ कर पेश किया जा रहा है।

कांग्रेस ने भी राज्यपाल के बयान की निंदा की और उनसे माफी मांगने को कहा। मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में एक चौक के नामकरण समारोह को संबोधित करते हुए कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘मैं यहां के लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र, खास तौर पर मुंबई और ठाणे से हटा दिया जाए, तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी।’’ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी से मुंबई के संबंध में की गई टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की।

उन्होंने कहा कि अब यह तय करने का समय आ गया है कि उन्हें घर वापस भेजा जाना चाहिए या जेल। ठाकरे ने राज्यपाल पर मुंबई और ठाणे में ‘‘शांति से रह रहे हिंदुओं को बांटने’’ की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। यहां अपने आवास ‘मातोश्री’ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘मराठी लोगों के खिलाफ राज्यपाल के मन में जो नफरत है, वह अनजाने में सामने आ गई है।’’ उन्होंने मांग की कि राज्यपाल मराठी लोगों से माफी मांगें।

मुख्यमंत्री शिंदे ने नासिक जिले के मालेगांव में पत्रकारों से कहा, ‘‘हम (मुंबई के संबंध में) कोश्यारी के विचार से सहमत नहीं हैं। यह उनका निजी विचार है। उन्होंने अब एक स्पष्टीकरण जारी किया है। वह एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी टिप्पणियों से दूसरों को ठेस न पहुंचे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मराठी समुदाय की कड़ी मेहनत ने मुंबई के विकास और प्रगति में योगदान दिया है। यह एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं। देशभर के लोगों के इसे अपना घर बनाने के बावजूद, मराठी लोगों ने अपनी पहचान और गौरव को बरकरार रखा है और इसका अपमान नहीं किया जाना चाहिए।’’

वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने धुले में पत्रकारों से कहा कि मराठी भाषी लोगों का महाराष्ट्र के विकास में अहम योगदान है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहां तक कि औद्योगिक क्षेत्र में भी मराठी भाषी लोगों ने वैश्विक प्रगति की है। हम राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं।’’

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि कोश्यारी की टिप्पणी अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि केंद्र को कोश्यारी का इस्तीफा मांगना चाहिए और उन्हें गुजरात या राजस्थान भेजना चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी इस मुद्दे पर राज्यपाल की आलोचना की।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि राज्यपाल को अनावश्यक विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मराठी भाषी लोगों ने मुंबई को अपनी राजधानी बनाकर महाराष्ट्र राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और महाराष्ट्र के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री शिंदे में आत्मसम्मान बचा है, तो उन्हें राज्यपाल से इस्तीफे की मांग करनी चाहिए। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि अगर कोश्यारी को महाराष्ट्र के इतिहास की जानकारी नहीं है तो उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।

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