मुंबई, 31 अगस्त: महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में माओवादियों से कथित संबंधों और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में देश के पांच बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया था। इस ममाले में महाराष्ट्र पुलिस ने प्रेस ब्रिफिंग में मीडियो को बताया कि महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई जायज है। महाराष्ट्र के एडीजी (कानून और व्यवस्था) परमवीर सिंह ने कहा कि माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई सबूतों के आधार पर की गई है। यही नहीं छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं।
महाराष्ट्र पुलिस ने कही ये बातें-
- परमवीर सिंह ने कहा- माओवादियों की साजिश कानून-व्यवस्था को बिगाड़कर सरकार गिराने की थी। एक आतंकवादी संगठन भी माओवादियों के साथ इसमें शामिल था।
- परमवीर सिंह ने कहा- छापेमारी के दौरान बहुत सा साहित्य सीज किया गया है। सबूतों को देखकर तो यही लगता है कि सीपीआई माओवादी की साजिश थी कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ा जाए और उसके बाद सरकार को पलटा जाए।
- एडीजी के मुताबिक- छापेमारी की विडियोग्राफी की गई है। सीज के बाद कॉपी आरोपियों को भी दी गई। पंचनामा सही तरीके से किया गया।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान परमवीर सिंह ने सुधा भारद्वाज की का एक पत्र भी पढ़ा, जिसे उन्होंने कॉमरेड प्रकाश को लिखा था। कॉमरेड प्रकाश सेंट्रल कमिटी की तरफ से बात करते हैं।
- महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच के हिसाब से आरोपियों के लिंक माओवादियों से दिख रहे हैं।
- उन्होंने बताया कि बरामद हुए एक पत्र में हथियारों के बारे में भी बात की गई।
- सिंह ने कहा- हाल ही में अरेस्ट किए गए काडर लोगों का ब्रेनवॉश कर रहे थे, छात्राओं को जंगल भेजा जा रहा था। कानून व्यवस्था के खिलाफ साजिश रची जा रही थी।
- सिंह ने यह भी बताया कि आगे की जांच के लिए हमें काडर की कस्टडी की आवश्यकता है।
सिंह ने बताया कि फरेंसिक लैबरेटरी बरामद किए गए मटीरियल की जांच कर रही है। उम्मीद है कि डिलीट किया गया डेटा भी सामने आएगा।
- परमवीर सिंह ने कहा, '8 जनवरी को जांच शुरू हुई। 6 मार्च को इस केस में दो नाम और सामने आए। जो थे सुरेंद्र गाडलिन और रोना विल्सन के। जांच के बाद पुलिस जब इस नतीजे पर पहुंची की आगे की कार्रवाई हो सकती है तो 17 अप्रैल को 6 जगह पर छापे मारे गए। दिल्ली में रोना विल्सन, नागपुर में सुरेंद्र गाडलिंग, सुधीर ढवले के यहां मुंबई में और दूसरी जगह छापे मारे गए।'
- सिंह ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में की गई गिरफ्तारियों पर कहा, जब हमें पूरी तरह भरोसा हो गया कि इनके तार स्पष्ट रूप से जुड़े हुए हैं, तभी हमने अलग-अलग शहरों में इनके खिलाफ कार्रवाई की और गिरफ्तारी की है।
- सिंह ने बताया कि फंड को लेकर जारी जारी है। कैश और कुरियर से होती थी सारी पेमेंट।
- सिंह ने कहा कि जांच में पता चला है कि हथियार जुटाने कि जिम्मेदारी वरवर की थी। जिसके लिए विदेशों में मीटिंग की जाती थी।
महाराष्ट्र पुलिस की छापेमारी( पूरा मामला)
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में बुद्धिजीवियों के घरों में मंगलवार 28 अगस्त को छापा मारा। जिसमें माओवादियों से संपर्क रखने के शक में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें रांची से फादर स्टेन स्वामी , हैदराबाद से वामपंथी विचारक और कवि वरवरा राव, फरीदाबाद से सुधा भारद्धाज और दिल्ली से सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलाख शामिल है।
महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से मंगलवार दिल्ली में पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, गोवा में प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे, रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी, मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता अरुण परेरा, सुजैन अब्राहम, वर्नन गोनसाल्विस, हैदराबाद में माओवाद समर्थक कवि वरवर राव, वरवर राव की बेटी अनला, पत्रकार कुरमानथ और फरीदाबाद में सुधा भारद्वाज के घर पर छापेमारी की।