Maharashtra New CM: पीएम मोदी की मौजूदगी में 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण?, मुख्यमंत्री कौन होगा, देवेंद्र फड़नवीस या कोई और, अभी तक घोषणा नहीं, कौन मारेगा बाजी, जानें अपडेट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 30, 2024 08:50 PM2024-11-30T20:50:44+5:302024-11-30T21:06:03+5:30
Maharashtra New CM: भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार शाम ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र में महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की उपस्थिति में पांच दिसंबर, 2024 को शाम पांच बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा।’’
Maharashtra New CM: महाराष्ट्र में नई महायुति सरकार पांच दिसंबर की शाम मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेगी। भाजपा की प्रदेश इकाई ने शनिवार को यह जानकारी दी। हालांकि, अभी तक यह घोषणा नहीं की गई है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन भाजपा सूत्रों ने बताया कि देवेंद्र फड़नवीस इस शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। वह दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पूर्ववर्ती एकनाथ शिंदे नीत सरकार में उप मुख्यमंत्री थे। कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे शिंदे इन अटकलों के बीच एक दिन पहले अपने पैतृक गांव चले गए कि नयी सरकार को आकार देने के तौर-तरीकों से वह खुश नहीं हैं। उनके एक सहयोगी ने बताया कि वह बीमार हैं। उन्होंने बताया कि शिंदे को तेज बुखार है।
राज्यातील महायुती सरकारचा शपथविधी
— Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) November 30, 2024
विश्वगौरव माननीय पंतप्रधान श्री. @narendramodi जी यांच्या उपस्थितीत गुरुवार, दि. ५ डिसेंबर २०२४ रोजी संध्याकाळी ५ वाजता आझाद मैदान, मुंबई येथे संपन्न होणार आहे.
राज्य में महायुती सरकार का शपथ ग्रहण समारोह
विश्वगौरव माननीय प्रधानमंत्री श्री…
प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार शाम ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र में महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की उपस्थिति में पांच दिसंबर, 2024 को शाम पांच बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा।’’ सतारा जिले के रहने वाले शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने पत्रकारों को बताया कि शिंदे और पार्टी के अन्य नेता भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर शुक्रवार तड़के दिल्ली से लौटे, तब से कार्यवाहक मुख्यमंत्री को खांसी और जुकाम की शिकायत है।
देसाई ने कहा, ‘‘उन पर (शिंदे पर) काम का बोझ बढ़ गया है, इसलिए हमने उन्हें आराम करने की सलाह दी है।’’ शिंदे के करीबी शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि उनकी पार्टी को गृह विभाग मिलना चाहिए। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए यह भी दावा किया कि शिंदे को दरकिनार करने की कोशिशें की गईं।
इस बीच, एक भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी के विधायक दल का नेता चुनने के लिए दो दिसंबर को बैठक होगी। उन्होंने कहा कि इस बार फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद मिलने की संभावना है। शिवसेना प्रमुख एवं जून 2022 से मुख्यमंत्री रहे शिंदे ने बृहस्पतिवार रात दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया।
इससे पहले, शिंदे ने स्पष्ट कर दिया था कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री पद पर कोई भी फैसला उन्हें स्वीकार्य होगा। शिंदे पर शिवसेना नेताओं के एक समूह का दबाव है, जो मानते हैं कि उन्हें उप मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए, क्योंकि वह दो साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री हैं। पार्टी नेताओं का एक और समूह इस बात पर जोर दे रहा है कि उन्हें नयी सरकार का हिस्सा होना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ सत्ता बरकरार रखी। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 है। चुनाव में भाजपा ने 132 सीट, शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीट हासिल की।
लेकिन सरकार गठन में देरी हुई क्योंकि महायुति इस बारे में आम सहमति बनाने में विफल रहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। शिंदे, फड़नवीस और अजित पवार ने बृहस्पतिवार देर रात भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात कर सत्ता साझेदारी व्यवस्था पर चर्चा की थी। हालांकि, शिंदे ने शीर्ष पद पर अपना दावा छोड़ दिया है।
लेकिन इस बात के संकेत मिले हैं कि गठबंधन में अब भी कुछ मतभेद हैं क्योंकि शुक्रवार को सहयोगी दलों की बैठक स्थगित कर दी गई और शिंदे अपने गांव रवाना हो गए। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पहले ही कहा है कि मुख्यमंत्री के रूप में फड़नवीस उसे स्वीकार्य हैं। इस बीच, शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम के कारण मुख्यमंत्री के चयन में देरी हो रही और सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेदों के कारण शिंदे को अपने गांव जाना पड़ा।
राज्य में 20 नवंबर को हुए चुनाव में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को करारी शिकस्त मिली। एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 16, शरद पवार नीत राकांपा (एसपी) ने 10 और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीट हासिल की। शरद पवार सहित एमवीए नेताओं ने सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आढाव के साथ एकजुटता व्यक्त की, जिन्होंने हाल के चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कथित दुरुपयोग के खिलाफ तीन दिन पहले पुणे में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। शरद पवार ने आरोप लगाया कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए धनबल का इस्तेमाल किया गया।