महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावः मनसे के साथ गठबंधन नहीं, सांसद गायकवाड़ और कांग्रेस प्रमुख सपकाल में मतभेद, आखिर कहां फंसा पेंच?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 23, 2025 10:34 IST2025-11-23T10:34:05+5:302025-11-23T10:34:59+5:30

Maharashtra local body elections: महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि बीएमसी चुनावों के लिए स्थानीय स्तर पर किसके साथ गठबंधन करना है, इसका फैसला पार्टी की मुंबई इकाई करेगी।

Maharashtra local body elections No alliance MNS differences Congress MP Varsha Gaikwad Congress chief Harsh Vardhan Sapkal where problem | महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावः मनसे के साथ गठबंधन नहीं, सांसद गायकवाड़ और कांग्रेस प्रमुख सपकाल में मतभेद, आखिर कहां फंसा पेंच?

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Highlightsगठबंधन बनाने के लिए अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी। भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता के महत्व पर जोर दिया था।आखिरकार विचारधारा मायने रखती है।

मुंबईः महाराष्ट्र में कांग्रेस आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ गठबंधन के मुद्दे पर बंटी हुई नजर आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को जहां एकजुट होकर चुनाव लड़ने का समर्थन किया, वहीं सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि पार्टी मुंबई में मनसे के साथ गठबंधन नहीं करने पर अडिग है, जबकि महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि बीएमसी चुनावों के लिए स्थानीय स्तर पर किसके साथ गठबंधन करना है, इसका फैसला पार्टी की मुंबई इकाई करेगी।

हालांकि, कांग्रेस विधायक दल के नेता वडेट्टीवार ने स्पष्ट किया कि पार्टी गठबंधन बनाने के लिए अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी। कांग्रेस नेता ने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता के महत्व पर जोर दिया था।

वडेट्टीवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आखिरकार विचारधारा मायने रखती है। हम मनसे को शामिल करते हुए एकजुट होकर चुनाव लड़ने के प्रति सकारात्मक हैं। भाजपा को हराने के लिए सभी को एक साथ आना होगा।’’ उन्होंने मतदाता सूची में कथित विसंगतियों के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में मुंबई में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की ओर से आयोजित ‘सत्याग्रह मोर्चा’ में मनसे की भागीदारी का जिक्र किया। वडेट्टीवार का मनसे से गठबंधन के प्रस्ताव को खुला समर्थन कांग्रेस की मुंबई इकाई के फैसले के उलट है,

जिसने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सपकाल ने दोहराया है कि पार्टी कभी भी ‘‘हिंसा में लिप्त लोगों’’ से हाथ नहीं मिलाएगी। उन्होंने बीड में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बीएमसी चुनावों के लिए कांग्रेस को स्थानीय स्तर पर किसके साथ गठबंधन करना है, इसका फैसला पार्टी की मुंबई इकाई करेगी।

सपकाल ने कहा, “शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन मुंबई में गठबंधन बनाने का फैसला पार्टी की नगर इकाई द्वारा ही लिया जाएगा।” वडेट्टीवार की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि उन्होंने राज्य स्तर पर गठबंधन की बात की, जबकि पार्टी की मुंबई इकाई पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है कि वह बीएमसी चुनावों के लिए मनसे से हाथ नहीं मिलाएगी। गायकवाड़ ने पूर्व में कहा था कि कांग्रेस उन लोगों के साथ कभी गठबंधन नहीं करेगी, जो कानून अपने हाथ में लेते हैं और दूसरों को डराते-धमकाते हैं।

महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनावों के लिए मतदान दो दिसंबर को होगा, जबकि नगर निगम चुनाव जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है। एमवीए की एक घटक शिवसेना (उबाठा) और मनसे (जिसकी अगुवाई उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे करते हैं) के बीच बढ़ती नजदीकियों ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के कांग्रेस के फैसले को स्पष्ट रूप से आकार देने का काम किया है।

इस बीच, वडेट्टीवार ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वह आंतरिक सर्वेक्षण ‘‘मनगढ़ंत’’ है, जिसमें मुंबई में नगर निकाय चुनावों में पार्टी को महत्वपूर्ण बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया है। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया, ‘‘यह भाजपा की ओर से गढ़ी गई एक काल्पनिक कहानी है। यह जनता की धारणा को प्रभावित करने का एक हताशा भरा प्रयास है।

कल मुंबई में रहस्यमय तरीके से कई नए मतदाता पहचान पत्र सामने आए; शायद भाजपा वही दोहराना चाहती है, जो उसने बिहार में किया था। वे लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।’’ हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मनसे के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख में आए बदलाव की आलोचना की तथा इसे ‘‘सुविधा की सियासत’’ करार दिया।

बावनकुले ने कहा कि कांग्रेस ने पहले मनसे के साथ किसी भी गठबंधन का कड़ा विरोध किया था, क्योंकि मनसे हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ आक्रामक आंदोलन चलाती रही है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की नाराजगी का सामना करने के डर से यह रुख अपनाया था।

हालांकि, अब कांग्रेस महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले अपनी सुविधा के लिए इस रुख में बदलाव कर रही है।’’ इस बीच, मनसे नेता संदीप देशपांडे की कांग्रेस को ‘अमीबा’ बताने वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ‘‘विज्ञान बताता है कि अमीबा कैसे अपनी जमीन पर टिका रहता है।

राजनीति बताती है कि कुछ लोग कैसे रंग बदलते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर चुनाव में चुनौतियों के डर से गिरगिट की तरह रंग बदलने के बजाय, कांग्रेस में अमीबा की तरह अपनी जमीन पर टिके रहकर हर आने वाली चुनौती का सामना करने की क्षमता है।’’

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