लोकसभा में उठा महाराष्ट्र का मुद्दा, BJP सांसदों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की

By भाषा | Updated: March 22, 2021 14:40 IST2021-03-22T14:23:14+5:302021-03-22T14:40:35+5:30

मुंबई से लोकसभा सदस्य कोटक ने दावा किया कि महाराष्ट्र के लोगों में धारणा है कि सरकार का इस्तेमाल व्यापारियों को डराने के लिए हो रहा है तथा इसमें अधिकारियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

Maharashtra issue raised in Lok Sabha, BJP MPs demand resignation of Chief Minister and Home Minister | लोकसभा में उठा महाराष्ट्र का मुद्दा, BJP सांसदों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की

भाजपा नेता ने सीएम उद्धव ठाकरे से मांगा इस्तीफा (फाइल फोटो)

Highlightsभाजपा के राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री उस पुलिस अधिकारी के समर्थन में पत्रकार वार्ता करते हैं जिस पर पुलिस आयुक्त ने गंभीर आरोप लगाये हैं।भाजपा नेता राकेश सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में बेमेल गठबंधन की सरकार है और मुख्यमंत्री इस विषय पर मौन हैं।

नयी दिल्ली: लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने महाराष्ट्र के एक पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाये गए आरोपों का मुद्दा सोमवार को उठाया और इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

भाजपा सांसदों ने जहां इसे अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना और कांग्रेस ने केंद्र पर महाराष्ट्र सरकार को गिराने का प्रयास करने का इल्जाम लगाया।

शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए भाजपा के मनोज कोटक ने कहा कि महाराष्ट्र में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वहां के गृह मंत्री के खिलाफ वसूली संबंधी गंभीर आरोप लगाये हैं और मुख्यमंत्री ने अभी तक इस मामले में एक भी शब्द नहीं बोला। मुंबई से लोकसभा सदस्य कोटक ने दावा किया कि महाराष्ट्र के लोगों में धारणा है कि सरकार का इस्तेमाल व्यापारियों को डराने के लिए हो रहा है तथा इसमें अधिकारियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए और महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के राकेश सिंह ने कहा कि जब सरकार की जिम्मेदारी जनता के लिए काम करने के बजाय शासकीय और पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना में बदल जाए तो यह राज्य का नहीं देश का विषय हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह पहली घटना होगी जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री उस पुलिस अधिकारी के समर्थन में पत्रकार वार्ता करते हैं जिस पर पुलिस आयुक्त ने गंभीर आरोप लगाये हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बेमेल गठबंधन की सरकार है और मुख्यमंत्री इस विषय पर मौन हैं। सिंह ने कहा कि राकांपा के वरिष्ठ नेता कल तक इस पूरे मामले को गंभीर बता रहे थे और उन्होंने कार्रवाई की बात की थी लेकिन बाद में उन्होंने कह दिया कि गृह मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘कहीं महाराष्ट्र सरकार को यह डर तो नहीं है कि गृह मंत्री यह खुलासा कर देंगे कि वसूली के पैसे का हिस्सा किस-किस को जाता था।’’ उन्होंने मामले में केंद्रीय एजेंसियों से निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

भाजपा के कपिल पाटिल ने भी कहा कि रविवार सुबह कार्रवाई की बात करने वाले राकांपा के वरिष्ठ नेता शाम तक इससे पल्ला झाड़ने लगे। कहीं इसका यह मतलब तो नहीं कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने बोला हो कि ‘मेरा इस्तीफा होगा तो सबके नाम ले लूंगा’। शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि पिछले चौदह महीने में कई प्रयास करने के बाद भी भाजपा महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के माध्यम से महाराष्ट्र में सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

राउत ने कहा कि जिन पुलिस आयुक्त के पत्र की बात हो रही है, उनके खिलाफ भी गंभीर आरोप हैं। कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है और केंद्र में विपक्ष में बैठे दलों की राज्य में चल रहीं सरकारों के काम में केंद्रीय एजेंसियों की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अधिकारी दोषी होते हैं लेकिन वे बच निकलते हैं और संसद, विधानसभाओं में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं। बिट्टू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ‘मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में सरकार गिराना चाहती है।’

इस दौरान भाजपा और शिवसेना के सांसदों के बीच नोंकझोंक देखी गयी। भाजपा के गिरीश बापट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। भाजपा के पीपी चौधरी और पूनम महाजन ने भी महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आरोपों को गंभीर बताया, वहीं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने सवाल उठाया कि जिस पुलिस अधिकारी को 16 वर्ष तक निलंबित रखा गया, उसे महाराष्ट्र में शिवसेना नीत एमवीए सरकार आते ही बहाल क्यों कर दिया गया। गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रूपये की मासिक वसूली करने को कहा है। इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया।  

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Maharashtra issue raised in Lok Sabha, BJP MPs demand resignation of Chief Minister and Home Minister

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