लाइव न्यूज़ :

शरद पवार बोले, अजीत पवार कुछ विधायक लेकर साथ गए, बीजेपी के सख्त खिलाफ है एनसीपी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 23, 2019 12:58 IST

शरद पवार ने कहा कि एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता अजीत पवार के साथ नहीं जाएगा।

Open in App
ठळक मुद्देअजीत पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ, अनुशासन तोड़ने वाला है-एनसीपीNCP का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं हैः शरद पवार

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अजीत पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ, अनुशासन तोड़ने वाला है। एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं है। हमारी पार्टी बीजेपी के सख्त खिलाफ है। 

पवार ने कहा, मुझे कुछ लोगों ने सुबह बताया कि हमें यहां लाया गया है, वे शायद राजभवन की बात कर रहे थे। एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता अजीत पवार के साथ नहीं जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार अपने साथ कुछ एनसीपी विधायकों को भी लेकर आए थे। ये विधायक शरद पवार के साथ होने की बात कह रहे हैं।

मुंबई में राकांपा विधायकों के साथ बैठक करेंगे शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे और विधायक दल के नेता अजीत पवार के महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाने के मद्देनजर शाम को साढ़े चार बजे यहां अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलायी है। अजीत पवार ने शनिवार को सुबह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पार्टी को हैरत में डाल दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पिछले महीने राज्य के विधानसभा चुनाव में 54 सीटें जीती थी। बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अजित पवार ने 1.65 लाख मतों के रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीता था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राकांपा के कितने विधायक अजित पवार के साथ हैं। पार्टी के एक नेता ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘‘पवार साहेब ने इन घटनाक्रमों के मद्देनजर शाम साढ़े चार बजे एक बैठक बुलाई है। अभी तक किसी भी राकांपा विधायक के अजीत पवार के साथ होने का मालूम नहीं है।’’ 

शु्क्रवार रात तक राकांपा राज्य में शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही थी। इस बीच, राकांपा नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि अजीत पवार ने पार्टी के विधायकों के हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया जिसके आधार पर नयी सरकार बनी। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार विधानसभा में शक्ति परीक्षण में पास नहीं होगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का गठबंधन बना रहे।’’ इस बीच, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के व्हाट्सएप स्टेटस में लगा है - ‘‘परिवार और पार्टी बंट गई।’’ हालांकि उन्होंने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों पार्टियों के आधिकारिक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के बाद मैं बोलूंगी।’’ सुले के एक और व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा है, ‘‘जिंदगी में आप किस पर भरोसा करोगा। जीवन में कभी इतना ठगा महसूस नहीं किया। उनका बचाव किया, उन्हें प्यार किया। देखिए बदले में मुझे क्या मिला।’’ 

टॅग्स :शरद पवारउद्धव ठाकरेशिव सेनाराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतसिंधुदुर्ग स्थानीय निकाय चुनावः संदेश पारकर के लिए प्रचार क्यों कर रहे हैं?, भाजपा नेता नितेश राणे ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घेरते हुए पूछे सवाल?

भारतमहाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव 2025ः 246 नगरपालिका परिषद और 42 नगर पंचायत पर 2 दिसंबर को मतदान, 3 दिसंबर को मतगणना, 1.07 करोड़ मतदाता और 13,355 मतदान केंद्र

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र