मुंबईः महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी में तनातनी जारी है। एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है।
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने सरकारी विमान देने से मना कर दिया। महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को देहरादून जाने के लिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है, जिसके बाद खुद कर्मशियल फ्लाइट बुक करके उन्हें जाना पड़ा।
माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से राज्यपाल और उद्धव सरकार में टकराव देखने को मिल सकती है। भाजपा के नेता राज्य सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। राज्यपाल बाद में देहरादून की यात्रा के लिए एक वाणिज्यिक उड़ान से रवाना हुए। इस बारे में पूछे जाने पर, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है और जानकारी मिलने के बाद ही वह इस पर टिप्पणी कर पाएंगे।
हालांकि, राज्य में विपक्षी भाजपा ने इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार से माफी मांगने के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार, कोश्यारी को सुबह 10 बजे मुंबई से देहरादून के लिए रवाना होना था। सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल को शुक्रवार को मसूरी में एक कार्यक्रम में भाग लेना है।
उन्हें पहले देहरादून पहुंचना है और फिर वह वहां से मसूरी जाएंगे। एक सूत्र ने दावा किया, "राज्य सरकार के एक विमान को पहले ही बुक कर लिया गया था। लेकिन, अंतिम समय तक अनुमति नहीं मिली।" सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल के कार्यालय ने बाद में एक निजी विमान में सीट बुक की और वह दोपहर करीब 12.15 बजे देहरादून के लिए रवाना हुए।
फड़नवीस ने राज्यपाल को सरकारी विमान से जाने की अनुमति नहीं देने पर महारष्ट्र सरकार की आलोचना की
भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगह सिंह कोश्यारी को सरकारी विमान से देहरादून की यात्रा करने की अनुमति नहीं देने को लेकर राज्य सरकार की बृहस्पतिवार को आलोचना की। उन्होंने शिवसेना नीत गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वह अहंकारी है और ‘बचकाना हरकतें’ कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक पद का अपमान किया है। फड़नवीस ने कहा, ‘‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस तरह की घटना राज्य में पहले कभी नहीं हुई थी। राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि वह एक पद है। लोग आते-जाते रहेंगे, लेकिन पद कायम रहेगा। राज्यपाल राज्य के प्रमुख हैं। राज्यपाल ही मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को नियुक्त करते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि राज्यपाल की पूरी यात्रा का कार्यक्रम सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया था। मुख्य सचिव इस बारे में जानते थे और मुख्यमंत्री के पास भी एक फाइल गई थी। लेकिन जानबूझ कर, राज्यपाल को विमान में बैठने तक अनुमति नहीं दी गई और आखिरकार उन्हें विमान से उतरना पड़ा।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार बचकाना हरकतें कर रही है। मेरे मुताबिक मुख्यमंत्री और सरकार का इस तरह का अहंकारी रवैया दिखाना गलत है...। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना से राज्य की छवि धूमिल होगी। ’’