महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह-सचिन वाजे की बैठक की जांच करने का आदेश दिया

By भाषा | Updated: November 30, 2021 22:27 IST2021-11-30T22:27:39+5:302021-11-30T22:27:39+5:30

Maharashtra government orders probe into Parambir Singh-Sachin Waje meeting | महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह-सचिन वाजे की बैठक की जांच करने का आदेश दिया

महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह-सचिन वाजे की बैठक की जांच करने का आदेश दिया

मुंबई, 30 नवंबर महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की बैठक के संबंध में जांच का आदेश दिया है। वाजे-सिंह की मुलाकात से विवाद शुरू हो गया क्योंकि दोनों जबरन वसूली मामले में आरोपी हैं।

दोनों की बैठक तब हुई थी जब सिंह सोमवार को यहां एक जांच आयोग के सामने पेश हुए थे। इस बीच, राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह और वाजे ने मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास विस्फोटक सामग्री रखवाने की साजिश रची थी।

राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वाजे न्यायिक हिरासत में है और नियमों के अनुसार उसे किसी से नहीं मिलना चाहिए। मैंने मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।’’

वलसे पाटिल ने सिंह पर आपत्ति जताते हुए कहा कि होमगार्ड्स के महानिदेशक अपनी आवाजाही के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर रहे थे, इस मामले की भी जांच की जाएगी। जबरन वसूली के मामलों में जांच का सामना करने के लिए सिंह पिछले सप्ताह सामने आए। वह छह महीने से ज्यादा समय तक कार्यालय से अनुपस्थित रहे। वलसे पाटिल ने कहा कि सिंह लंबे समय से काम से गैर हाजिर रहे और उन्हें सरकारी वाहन का उपयोग नहीं करना चाहिए था।

सिंह-वाजे की यह कथित मुलाकात सोमवार को दक्षिण मुंबई में एक इमारत की दूसरी मंजिल पर सिंह के कार्यालय के बगल के एक कमरे में हुई, जब वह तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे न्यायमूर्ति चांदीवाल (सेवानिवृत्त) आयोग के सामने पेश हुए। वाजे को आमने-सामने कराने के लिए वहां लाया गया था। आयोग भी उसी इमारत से काम कर रहा है।

आयोग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था।

नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त बिपिन कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वाजे को नवी मुंबई पुलिस की पहरेदारी में ले जाया गया क्योंकि वह तलोजा जेल में बंद है। वाजे और सिंह दोनों मुंबई के उपनगर गोरेगांव में जबरन वसूली के एक मामले में सह-आरोपी हैं।

पुणे में नवाब मलिक ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और सचिन वाजे ने 'एंटीलिया' के पास विस्फोटक सामग्री रखवाने की साजिश रची थी।

इस साल फरवरी में दक्षिण मुंबई में अंबानी के आवास के पास विस्फोटक सामग्री वाली एक एसयूवी मिली थी और इसके कुछ दिन बाद एसयूवी के मालिक कारोबारी मनसुख हिरन का शव ठाणे जिले के मुंब्रा में एक नाले में मिला था। मलिक ने दावा किया, ‘‘परमबीर सिंह और सचिन वाजे ने एंटीलिया के पास विस्फोटक सामग्री रखने की साजिश रची थी। उन्होंने एक गुंडे के पाकिस्तान में प्रवेश और निकास टिकटों के साथ एक नकली पासपोर्ट भी बनवाया था। यदि मनसुख हिरन मारा नहीं गया होता या उसने आत्मसमर्पण कर दिया होता, तो दोनों ने गुंडे को आतंकवादी दिखाकर उसकी फर्जी मुठभेड़ की साजिश रची थी।’’

परमबीर सिंह मंगलवार को लगातार दूसरे दिन महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के सामने पेश हुए और अपने खिलाफ चल रहे जबरन वसूली के दो मामलों के संबंध में अपना बयान दर्ज कराया। सिंह, एक निजी एसयूवी में दोपहर 3.10 बजे पड़ोस के नवी मुंबई के बेलापुर में कोंकण भवन में सीआईडी के कार्यालय पहुंचे।

इससे पहले सुबह में, सिंह अपने खिलाफ एक मामले के सिलसिले में यहां की एक अदालत में गए और वहां से वह दक्षिण मुंबई में डीजी होमगार्ड कार्यालय गए थे। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं।

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