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महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ पीड़ितों, मरम्मत कार्यों के लिए 11,500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की

By भाषा | Updated: August 4, 2021 00:30 IST

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मुंबई, तीन अगस्त महाराष्ट्र सरकार ने बारिश और बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने तथा नष्ट हुए बुनियादी ढांचे की मरम्मत करने के लिए मंगलवार को 11,500 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की।

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि तत्काल राहत के अलावा 11,500 करोड़ रुपये के पैकेज का एक हिस्सा मरम्मत कार्यों और बाढ़ की रोकथाम तथा इसके खतरे को कम करने से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए कुछ दीर्घकालिक उपाय करने पर खर्च किया जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के समक्ष हाल में आयी बाढ़ और भारी बारिश के संबंध में एक प्रस्तुति दी, जिसके बाद महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने वित्तीय सहायता को मंजूरी दी।

सरकार द्वारा घोषित कुल वित्तीय पैकेज में से 1,500 करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाएंगे, जबकि 3,000 करोड़ रुपये क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए खर्च किए जाएंगे।

बयान में कहा गया है कि भविष्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपाय को लेकर 7,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। राज्य सरकार ने मुआवजे के लिए अर्हता में भी ढील दी है।

इसमें कहा गया है कि ठाकरे ने अधिकारियों से एक विशेषज्ञ समिति गठित करने और जुलाई के अंत में भारी बारिश के बाद नदियों में आयी बाढ़ का अध्ययन कराने के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की मदद लेने को कहा है।

रायगढ़, रत्नागिरि, सतारा, सांगली और कोल्हापुर जैसे जिले 21 से 23 जुलाई तक भारी वर्षा और बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए थे। भूस्खलन जैसी वर्षा जनित घटनाओं में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और दो लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। तटीय कोंकण क्षेत्र का रायगढ़ जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जहां 100 लोगों की मौत हुई है।

राज्य सरकार की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘केवल’ पंद्रह सौ करोड़ रुपये की तात्कालिक सहायता दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वास्तविक मदद केवल पंद्रह सौ करोड़ रुपये की है, जबकि बाकी की राशि बाद में दी जाएगी। इसमें वह राशि भी शामिल नहीं है जो हमने 2019 में दी थी, जैसे कि निर्माण के लिए बालू उपलब्ध कराना, सफाई में सहायता, नष्ट हुई फसल का मुआवजा और अन्य चीजें।’’

भाजपा नेता ने कहा कि प्रथम दृष्टया सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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