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महाराष्ट्र : अमरावती में फिर से हिंसा भड़कने के बाद कर्फ्यू लगाया गया

By भाषा | Updated: November 13, 2021 19:53 IST

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(इंट्रो में सुधार करते हुए और एक पैरा हटाते हुए)

मुंबई, 13 नवंबर महाराष्ट्र के अमरावती शहर में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कथित तौर पर आहूत बंद के दौरान भीड़ ने विभिन्न स्थानों पर पथराव किया और दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगाया दिया गया। बंद का आयोजन त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में अमरावती शहर में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के खिलाफ किया गया था।

अमरावती पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया।

राज्य की राजधानी से लगभग 670 किलोमीटर दूर स्थित पूर्वी महाराष्ट्र के इस शहर के राजकमल चौक इलाके में सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए। इनमें से ढेर सारे लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

शुक्रवार और शनिवार को पथराव की एक के बाद एक हुई घटनाओं की पृष्ठभूमि में कार्यवाहक पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत अमरावती शहर क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।

चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। इसी तरह, आदेश के अनुसार पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। कर्फ्यू अगले नोटिस तक लागू रहेगा।

शुक्रवार को, महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव हुआ था।

ये घटनाएं अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुई थी।

पुलिस ने शुक्रवार की घटनाओं के सिलसिले में दंगा करने समेत विभिन्न आरोपों के तहत 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और 20 प्राथमिकियां दर्ज कर चार अन्य को हिरासत में लिया।

अधिकारियों ने बताया था कि आठ हजार से अधिक लोग अमरावती जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक ज्ञापन सौंपने के लिए जमा हुए थे, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग की गई थी। जब लोग ज्ञापन सौंपकर निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और कॉटन बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ।

इस बीच, विपक्षी भाजपा पर हमला बोलते हुए, शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के मकसद से हुई हैं।

उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे “असल चेहरों” पर से नकाब राज्य गृह मंत्रालय की जांच के बाद उतर जाएगा।

अमरावती जिले की संरक्षक मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व दुकानों पर पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी अमरावती में हिंसा की निंदा की।

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि त्रिपुरा में "कभी नहीं हुई" घटना के लिए राज्य में रैलियां आयोजित करना गलत था। उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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