मुंबई: इस समय पूरा देश कोरोना वायरस के महामारी से जूझ रहा है। महाराष्ट्र में देश के दूसरे राज्यों की तुलना में सर्वाधिक कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। ऐसे समय में सरकार हर स्तर पर इस महामारी से लड़ने का प्रयास कर रही है।
इसी क्रम में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोरोना को लेकर धर्म से जोड़कर फैलाए जा रहे अफवाह व कोरोना संक्रमण से जुड़ी अफवाह की खबरों को लेकर कहा है कि कोरोना वायरस की तरह, एक सांप्रदायिक वायरस भी है। मैं उन सभी लोगों को चेतावनी दे रहा हूं, जो नागरिकों को गलत संदेश फैला रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि कोई मजे के लिए भी ऐसे वीडियो साझा कर रहे हैं, उन लोगों को भी मैं चेतावनी दे रहा हूं। ठाकरे ने कहा कि आप लोग इस बात को समझें कि यह COVID-19 वायरस लोगों को बीमारी देने से पहले कोई धर्म नहीं देखता है।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज की घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार की रात अचानक नागपुर के जामा मस्जिद के पेश इमाम कारी ख़ालिक़ को फ़ोन किया था।
इस समय सीएम ने उनसे अपील की थी कि समाज के जिन लोगों को भी शक है कि उन्हें कोरोना हो सकता है तो उन्हें अपनी जांच कराने को कहिये। साथ ही सीएम ने इस समय इमाम साहब को यह भी समझाया था कि जांच नहीं करने का क्या खतरा हो सकता है।
उन्होंने बताया था कि जो लोग जांच में पॉजिटिव पाए जाएंगे उनपर इलाज संभव है। इलाज नहीं हुआ तो उनके खुद के साथ औरों को भी संक्रमण का खतरा है। सीएम ने इस फोन कॉल दौरान इमाम साहब से अपील की थी कि वे अपने समाज के लोगों से इस बारे में बात करें और आगे आकर अपनी जांच कराए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली मरकज के कार्यक्रम में शरीक होकर 7 लोग नागपुर लोटे थे। इनमे से एक संदिग्ध को मंगलवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को निगेटिव आयी है। इसी बीच नागपुर मरकज के 54 लोगों को स्थानीय प्रशासन ने एमएलए होस्टल में बनाये गए कोरेनटाईन केंद्र में भर्ती कर दिया है।