Cabinet Expansion: मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए 39 मंत्रियों का संक्षिप्त परिचय?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 16, 2024 06:27 IST2024-12-16T06:26:08+5:302024-12-16T06:27:48+5:30
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली ‘महायुति’ गठबंधन सरकार के 10 दिन पुराने मंत्रिपरिषद का रविवार को विस्तार किया गया।

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Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में भाजपा नीत ‘महायुति’ गठबंधन मंत्रिपरिषद का रविवार को नागपुर में विस्तार किया गया, जिसमें 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 42 हो गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा को 19 मंत्री पद मिले, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 9 मंत्री पद मिले। तैंतीस विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि छह ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल पी सी राधाकृष्णन ने 16 से 21 दिसंबर तक नागपुर में आयोजित होने वाले राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर एक समारोह में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी मौजूद थे, जिन्होंने पांच दिसंबर को मुंबई में शपथ ली थी। नए मंत्रिपरिषद में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार भी शामिल हैं। बीस नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे।
मंत्रिपरिषद में शामिल किये गये कुछ मंत्रियों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है:
चंद्रशेखर बावनकुले: भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष को 2019 के चुनाव में टिकट नहीं मिल सका था, लेकिन उन्होंने 2024 के विधानसभा चुनाव में नागपुर की कामठी सीट से जीत हासिल की। उन्हें अगस्त 2022 में पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बनाया गया था। बावनकुले पिछले 30 वर्षों से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वह 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार में बिजली मंत्री थे।
राधाकृष्ण विखे पाटिल : अहिल्यानगर जिले के शिरडी से आठ बार विधायक रहे पाटिल ने 1995 में राज्य की पहली शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में काम किया था। इसके अलावा वह 1999 से 2014 तक कांग्रेस-राकांपा सरकार में भी मंत्री रहे। वह 2014 में भाजपा में शामिल हो गए।
चंद्रकांत पाटिल : पुणे के कोथरुड से दो बार विधायक रहे हैं। वह विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। कोल्हापुर से ताल्लुक रखने वाले पाटिल केंद्रीय मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। वह 2014 से 2019 के बीच भी देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं।
मंगल प्रभात लोढ़ा : मुंबई के मालाबार हिल से सात बार विधायक रहे लोढ़ा 2022 में पहली बार मंत्री बने और मुंबई उपनगरीय जिले के प्रभारी मंत्री के साथ-साथ पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख भी रहे।
गिरीश महाजन : जलगांव जिले के जामनेर से सात बार विधायक चुने गए। वह 2014-19 के बीच फडणवीस सरकार और 2022-24 के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मंत्री रह चुके हैं।
आशीष शेलार : मुंबई के बांद्रा पश्चिम से तीन बार के विधायक शेलार बीसीसीआई कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह वर्तमान में भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख हैं।
गणेश नाइक : शिवसेना के पूर्व नेता नाइक 2014 में राकांपा और फिर भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने 1999 से 2014 के बीच कांग्रेस-राकांपा सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया। वह नवी मुंबई में ऐरोली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हसन मुश्रीफ : कोल्हापुर जिले की कागल विधानसभा सीट से छह बार के विधायक मुश्रीफ पिछले साल जुलाई में राकांपा में दो फाड़ होने पर अजित पवार गुट के साथ जुड़े। मुश्रीफ पर धन शोधन का मामला दर्ज किया गया था और सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने से पहले प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ छापेमारी की थी।
पहली बार मंत्री बनीं माधुरी मिसल पुणे के पार्वती विधानसभा क्षेत्र से चार बार की विधायक हैं। वहीं, मंत्री पद की शपथ लेने वालीं मेघना बोर्डिकर परभणी जिले के जिंतूर से दो बार की भाजपा विधायक हैं। मंत्रिपरिषद में जगह पाने वालीं पंकजा मुंडे विधान परिषद सदस्य हैं। मुंडे 2024 में बीड सीट से लोकसभा चुनाव हार गई थीं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ ‘महायुति’ इस सरकार के कार्यकाल के दौरान उन अन्य विधायकों को भी मौका देगा, जिन्हें मौजूदा मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने मंत्रिमंडल विस्तार से पहले नागपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम ढाई साल के लिए दूसरों को भी मौका देंगे।’’ उन्होंने कहा कि हर कोई मंत्री बनना चाहता है और उसे अवसर मिलना चाहिए, लेकिन मंत्री पद सीमित हैं।
मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने के साथ मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 42 हो गई। मंत्रिपरिषद विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 19 मंत्री पद मिले, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राकांपा को नौ मंत्री पद मिले। मंत्री बनने से वंचित रह गए प्रमुख नेताओं में राकांपा के छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल तथा भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार शामिल हैं।
तैंतीस विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि छह ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं। बीस नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में ‘महायुति’ ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की।
भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की राकांपा 41 सीटों पर विजयी रही। पवार ने कहा, ‘‘हर कोई चाहता है कि उसे मंत्री बनने का मौका मिले। हालांकि, मंत्री पद सीमित हैं, जबकि हर कोई मौका पाने का हकदार है।’’ उन्होंने कहा कि महायुति सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान कुछ विधायकों को डेढ़ साल तक मंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला था। पवार ने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि इस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान हम दूसरों को भी ढाई साल का मौका देंगे।
जिसका मतलब है कि कई लोगों को (कैबिनेट) मंत्री और राज्य मंत्री बनने का मौका मिलेगा। इसके अनुसार कई जिलों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिलेगा।’’ महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में राज्य विधानमंडल का सप्ताह भर चलने वाला शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है।