Maharashtra Breaking News: लॉकडाउन के बावजूद वाधवन परिवार ने हिल स्टेशन की सैर की, इजाजत देने वाले प्रमुख सचिव पर कार्रवाई, छुट्टी पर भेजे गए
By गुणातीत ओझा | Updated: April 10, 2020 09:47 IST2020-04-10T08:46:07+5:302020-04-10T09:47:54+5:30
महाराष्ट्र में लॉकडाउन के बावजूद वाधवन परिवार को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत देने पर प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता के खिलाफ राज्य सरकार ने की सख्त कार्रवाई। लापरवाही भरे फैसले के लिए उन्हें जांच होने तक छुट्टी पर भेज दिया गया है।

महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद वाधवन परिवार को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत देने पर प्रमुख सचिव पर की कार्रवाई।
महाबलेश्वर। लॉकडाउन के बावजूद सातारा जिले के पर्वतीय पर्यटन स्थल महाबलेश्वर में सैरसपाटा करने आए मुंबई के उद्योगपति और उनके परिवार के सदस्यों समेत 23 लोगों को पंचगनी में होम क्वारंटाइन किया गया है। इसके साथ इन लोगों को लॉकडाउन में घूमने की इजाज देने वाले महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता पर कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें मामले की जांच होने तक छुट्टी पर भेज दिया है। मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था, ''यह गंभीर मामला है। हम विस्तृत जांच करेंगे कि वधावन परिवार को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत कैसे मिली? इसके बाद मुख्यमंत्री से चर्चा करके उचित कार्रवाई की जाएगी।'' देशमुख का बयान आने के कुछ ही घंटों बाद अमिताभ गुप्ता पर यह कार्रवाई की गई है।
Maharashtra Principal Secretary (Special), Amitabh Gupta (who allegedly gave permission letter to Wadhavan family) has been sent on compulsory leave with immediate effect, till the pending of inquiry, which will be initiated against him: Home Minister Anil Deshmukh https://t.co/iFQHidM262pic.twitter.com/Qm1PXBrv05
— ANI (@ANI) April 10, 2020
डीएचएफएल कंपनी के प्रमोटर कपिल और दीपक वधावन समेत ये सभी लोग राज्य के गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव (विशेष) की सिफारिश पत्र लेकर 5 कारों से लोणावला और महाबलेश्वर पहुंचे थे। कपिल और दीपक वधावन यस बैंक और डीएचएफएल फ्रॉड केस में आरोपी हैं। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में जब संपूर्ण लॉकडाउन है और सभी जिलों की सीमा बंद कर दी गई हैं, बुधवार रात को वधावन परिवार के 9 सदस्यों एवं अन्य कर्मचारियों ने बुधवार की शाम कारों में खंडाला से महाबलेश्वर तक का सफर किया, जबकि कोरोना संक्रमण के चलते पुणे और सातारा जिलों को सील किया गया है। ये लोग अपनी-अपनी कारों में यात्रा कर रहे थे। उन्हें महाबलेश्वर स्थित दीवान फार्महाउस में देखा गया।
Maharashtra: Members of Wadhavan Family of DHFL group were placed under institutional quarantine by local police in Mahabaleshwar yesterday after they visited the town, violating the lockdown. https://t.co/hvo650pStE
— ANI (@ANI) April 10, 2020
यह बात नगर पालिका की मुख्याधिकारी अमिता दगड़े-पाटिल ने तहसीलदार सुषमा चौधरी-पाटिल को बताई। उसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया। उन्होंने वधावन परिवार को कड़ाई से घर पर ही रहने को कहा। इसके बाद तहसीलदार, मुख्याधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारियों ने आज सुबह सभी लोगों की जांच की। किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले। इसके बाद सभी को पंचगनी की सरकारी इमारत में संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया गया। इमारत के बाहर कड़ा पुलिस पहरा लगाया गया है।
वाधवन परिवार के घोटाले से जुड़े हैं तार
वधावन परिवार के कई लोगों के तार डीएचएफएल घोटाले से जुड़े हैं। उनके खिलाफ विविध स्तरों पर जांच जारी हैं। ऐसा होते हुए भी गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव ने उन्हें अपना मित्र बताकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने की अनुमति क्यों दिलवाई, इस पर सवाल उठ रहे हैं। सिफारिश पत्र में 5 वाहन, 23 लोगों के नाम वधावन परिवार को गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता ने महाबलेश्वर जाने के लिए सिफारिशी पत्र दिया था। उसमें उन्होंने लिखा था कि वे उनके पारिवारिक मित्र हैं और उन्हें महाबलेश्वर जाने में सहयोग किया जाए। पत्र में पांच वाहनों के नंबर के साथ ही कपिल वधावन, अरुणा वधावन, वनिता वधावन, टीना वधावन, धीरज वधावन, कार्तिक वधावन, पूजा वधावन, युविका वधावन, आहान वधावन, शत्रुघ्न घागा, मनोज यादव, विनिद शुक्ला, अशोक वाफेलकर, दीवान सिंह, अमोल मंडल, लोहित फर्नांडीस, जसप्रीत सिंह, अरी एवं जस्टिन डिमेलो, इंद्रकांत चौधरी, प्रदीप कांबले, एलिजाबेथ अय्यापिल्लई, रमेश शर्मा, तरकार सरकार के नाम हैं।