महाराष्ट्र स्थित औरंगाबाद के गंगापुर विधानसभा निवार्चन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक प्रशांत बम्ब ने नांदेड़ निवार्चन क्षेत्र से अपनी पार्टी के सांसद प्रताप पाटिल चिखलीकर को मानहानि का नोटिस भेजकर आरोप लगाया है कि सांसद ने हाल ही में राज्य में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अधिकारियों को भेजे गये पत्र में उन्हें 'ब्लैकमेलर' कहा है।
मीडिया में शनिवार को जारी नोटिस की प्रति के अनुसार विधायक बम्ब ने सांसद चिखलीकर से 23 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा या फिर संवाददाता सम्मेलन में बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और उनसे सोशल मीडिया में प्रसारित सभी संदेशों को हटाने के लिए कहा है।
नोटिस के मुताबिक चिखलीकर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को नवंबर 2019 में एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया कि वे बम्ब की शिकायतों पर ध्यान नहीं दें और वह एक 'ब्लैकमेलर' हैं।
गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि जब भी मराठवाड़ा क्षेत्र में किसी भी प्रकार का बुनियादी ढांचा निर्माण कार्य शुरू होता है तो स्थानीय राजनीतिक नेता ठेकेदारों को परेशान कर रिश्वत की मांग करते हैं।बंब के अनुसार इस पत्र में चिखलीकर ने उन्हें ‘ब्लैकमेलर’ कहा था। बंब ने शनिवार को पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ मैंने अपने कानूनी सलाहकार के मार्फत चिखलीकर को मानहानि का नोटिस भेजा है।’’
नोटिस में कहा गया है कि चिखलीकर के आरोप बेबुनियादी हैं और उनसे उन्हें मानसिक पीड़ा हुई, ऐसे में उन्हें मुआवजे के रूप में 23 करोड़ रूपये दिया जाए। इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि चिखलीकर बिना शर्त माफी मांगें और सोशल मीडिया पर बंब के खिलाफ डाले गये सारे पोस्ट हटाये जाएं।
बंब ने कहा, ‘‘मेरी पार्टी ने इस मुद्दे पर दखल नहीं दिया । मैंने कानूनी उपचार का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया।’’ हालांकि, अभी तक चिखलीकर की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि मराठवाड़ा में जब भी कोई बुनियादी ढांचा निर्माण कार्य शुरू होता है तो स्थानीय नेता ठेकेदार को परेशान करते हैं। गडकरी ने संकेत दिया था कि ये नेता काम शुरू होने से पहले ठेकेदार को फोन करते हैं और रिश्वत मांगते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि ऐसी रूकावट नहीं बंद हुई तो उन लोगों को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया था।