महाराष्ट्रः बीजेपी-शिवसेना में सीट बंटवारे को लेकर अगले हफ्ते चर्चा, फंस सकता है पेंच, छोटे सहयोगी दलों की मांग ने बढ़ाई परेशानियां
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 23, 2019 08:59 AM2019-08-23T08:59:17+5:302019-08-23T09:00:30+5:30
लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने खासी सफलता हासिल की थी. नई दिल्ली में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बारे में तैयारी को लेकर भाजपा की बैठक हुई.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा-शिवसेना गठबंधन की चर्चा आगामी सप्ताह में शुरू होने संभावना है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने 'लोकमत समाचार' के साथ बातचीत में बताया कि भले ही गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसने की पूरी संभावना है लेकिन दोनों दलों के गठबंधन के लिए राजी होने से संभवत: कोई न कोई सहमति बन ही जाएगी.
सूत्रों ने बताया कि अनौपचारिक रूप से दोनों दलों के कुछ नेता गठबंधन के लिए परस्पर संपर्क में हैं. लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने खासी सफलता हासिल की थी. नई दिल्ली में कल महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बारे में तैयारी को लेकर भाजपा की बैठक हुई. इस बैठक में भी गठबंधन को लेकर जल्द से जल्द चर्चा शुरू करने का निश्चिय किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव पूर्व गठबंधन घोषित करते समय विधानसभा चुनाव में फिप्टी-फिप्टी का फार्मूला रहेगा और दोनों दल 144-144 सीटों पर लड़ेंगे. लेकिन, लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने बूते देश में 300 से अधिक सीटें मिलीं. अब सवाल उठता है कि राज्य में 122 विधायक वाली भाजपा क्या गठबंधन में 144 सीटों पर राजी हो जाएगी. गठबंधन को लेकर हुई चर्चा में भाजपा के 180 सीटों पर राजी होने की संभावना है.
छोटे सहयोगी दल से भाजपा हैरान
छोटे सहयोगी दलों की मांग ने भाजपा को हैरान कर रखा है. गठबंधन के लिए राष्ट्रीय समाज पक्ष (रासप) के नेता और पशुसंवर्धन व दुग्धविकास मंत्री महादेव जानकर ने भाजपा से अपनी पार्टी के लिए 35 सीटें तथा रिपाइ (आ) के अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने 30 सीटें छोड़ने की मांग की है.
सीट बंटवारे में फेरबदल संभव: राम शिंदे अहमदनगर
पणन मंत्री राम शिंदे ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन होगा. शिंदे ने बताया कि इसके पहले भाजपा को 117 और शिवसेना को 171 सीटें बांटी गई थीं. लेकिन भाजपा 123 और शिवसेना ने 63 सीटें जीतीं. इसलिए भाजपा-शिवसेना के बीच अब नए सिरे से सीटों का बंटवारा होगा. उन्होंने बताया कि शिरडी पहले शिवसेना की सीट थी. अब राधाकृष्ण विखे पाटिल भाजपा में हैं. इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सीट भाजपा को ही जाएगी. विखे इसके पहले भी शिरडी से चुनकर आते रहे हैं इसलिए इस निर्वाचन क्षेत्र को भाजपा के लिए छोड़ा जा सकता है.