कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने शनिवार को कहा कि देवेन्द्र फड़नवीस ने जिस ‘‘गुपचुप’’ तरीके से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उसे राज्य के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।
पटेल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘‘बेशर्मी’’ की सीमा लांघ दी। उन्होंने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ हाथ मिलाकर भगवा दल द्वारा सरकार बनाने के बाद लोकतंत्र ‘‘बिखर’’ गया है। पटेल ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा, शिवसेना और राकांपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण नहीं दिया।
बदले सियासी घटनाक्रम के बाद राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मचना जाहिर है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में मौजूदा स्थिति के बाद कांग्रेस एनसीपी प्रमुख शरद पवार से नाराज है। सूत्रों ने यह दावा किया है। कांग्रेस का कहना है कि शरद पवार ने शिवसेना के साथ बातचीत में देरी की। कांग्रेस के मुताबिक, पवार कहते रहे कि बातचीत के लिए जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने कहा, पवार ने उन्हें शिवसेना से बातचीत के लिए मुंबई दौरा देर से करने को कहा।
पटेल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मुख्यमंत्री को गुपचुप तरीके से शपथ दिलाई गई तो न तो बैंड-बाजा था, न ही बराती थे और...यह घटना को महाराष्ट्र के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सौंपी गई अजित पवार की विधायकों की सूची का ‘‘सत्यापन नहीं’’ किया गया और राज्यपाल ने किसी से बात भी नहीं की।
पटेल ने कहा, ‘‘जिस मनमाने तरीके से शपथ ग्रहण कराई गईए मुझे लगता है कि यह गलत है... उन्होंने बेशर्मी की हदें लांघ दीं।’’ उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि राज्य में शिवसेना और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने में कांग्रेस ने विलंब की। उन्होंने कहा, ‘‘ये आरोप निराधार हैं।’’ पटेल ने कहा कि तीनों दल राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे।