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महाराष्ट्र में चार महीनों में हुईं 4321 वनों में आग की घटनाएं, देशभर में तीसरे स्थान पर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 27, 2021 12:41 IST

1 नवंबर 2020 से फरवरी 2021 तक राज्य में 4321 वनों में आग के अलर्ट विभाग को मिले थे और इसमें भी उत्तराखंड व मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र तीसरे क्रमांक पर है.

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ठळक मुद्देजंगलों की क्षति के प्रमुख कारणों में जंगल में लगने वाली आग सबसे मुख्य कारण है. परिणाम प्राणियों और वनस्पतियों के साथ ही जैवविविधता पर पड़ता है. आग पर नियंत्रण पाना और उसका प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.

निशांत वानखेड़े

नागपुर: वर्ष 2020-21 में देशभर में 1 लाख 17 हजार 190 वनों में आग की घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं देशभर में जंगलों में लगने वाली आग के मामले में महाराष्ट्र देश में तीसरे क्रमांक पर है.

चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में वनों में आग की छोटी-बड़ी 11,289 घटनाएं दर्ज की गई हैं. यहां गौरतलब है कि पिछले चार महीनों में यानि 1 नवंबर 2020 से फरवरी 2021 तक राज्य में 4321 वनों में आग के अलर्ट विभाग को मिले थे और इसमें भी उत्तराखंड व मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र तीसरे क्रमांक पर है.

जंगलों की क्षति के प्रमुख कारणों में जंगल में लगने वाली आग सबसे मुख्य कारण है. इसका परिणाम प्राणियों और वनस्पतियों के साथ ही जैवविविधता पर पड़ता है. इससे वन विभाग के सामने वनों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाना और उसका प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.

गर्मियों की शुरुआत के साथ ही जंगलों में आग लगने का खतरा बढ़ने लगता है. अब यह स्थिति फरवरी महीने से ही दिखाई देने लगी है. वनों में आग की अचूक और सही समय की जानकारी प्राप्त करने के लिए भारतीय वन्य सर्वेक्षण विभाग ने नासा के टेरा और एक्वा सैटेलाइट की मदद से एसएनपीपी और मोडिस नामक पद्धति को अपनाया है.

इसके द्वारा दिन भर में वन विभाग को छह बार अलर्ट प्राप्त होता है. इसमें भी एसएनपीपी पद्धति प्रभावी होने के साथ देश के 10 महत्वपूर्ण राज्यों ने रियल टाइम अलर्ट हासिल करने में सफलता हासिल की है. इसी पद्धति के आधार पर देश में वनों में आग की घटनाओं का अलर्ट मिलता है. पिछले चार महीनों में देशभर में 36,785 वनों में आग की घटनाएं हुईं.

इसमें फरवरी महीने में वृद्धि दर्ज किए जाने के साथ-साथ एक ही महीने में 21565 वनों में आग भड़कने के मामले दर्ज हैं. मोडिस पद्धति से यह आंकड़ा 4616 है. नवंबर 2020 में 2780, दिसंबर में 5078 और जनवरी 2021 में 7363 वनों में आग की घटनाएं दर्ज हैं.

वहीं महाराष्ट्र में केवल पिछले 7 दिनों में जंगल में आग की 733 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि शुक्रवार को एक दिन में ही राज्य में 11 स्थानों पर वनों में आग की घटनाएं दर्ज हुई हैं. बॉक्स महाराष्ट्र में 26 हजार वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र अग्नि संवेदी राज्य में वनों में आग के मामले को लेकर 1821.51 वर्ग कि.मी. क्षेत्र अतिसंवेदनशील है.

इसमें 2135 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में अधिक रिस्क, 9191 वर्ग कि.मी. अधिक अग्नि संवेदी और 12903 वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र मध्यम अग्नि संवेदी है. यानि 39 प्रतिशत वनक्षेत्र अग्नि संवेदी है. इसमें भी अतिसंवेदनशील क्षेत्र में विदर्भ के वनक्षेत्रों का समावेश है.

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