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सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस ने कहा-स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने का असर 10 नवंबर को दिखेगा

By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 31, 2020 20:08 IST

कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटाए जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्टार प्रचारक की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का है, केंद्रीय चुनाव आयोग का नहीं है। उन्होंने अपनी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है।

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ठळक मुद्देमध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये उनकी हताशा का प्रतीक है, लेकिन उनका अहंकार नहीं जा रहा है। चुनाव आयोग ने भी किया तो बदले की भावना से किया? संवैधानिक संस्था पर आरोप लगाते हुए आपको (कमलनाथ) लज्जा नहीं आती।28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है ये कमलनाथ सरकार की अकर्मण्यता,चरम पर भ्रष्टाचार का परिणाम है।

नई दिल्लीः चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्ज़ा रद्द करने पर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि स्टार प्रचारक न तो कोई कद है और न ही कोई पद है। मैं चुनाव आयोग के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, 10 नवंबर के बाद टिप्पणी करूंगा क्योंकि जनता अंत में सबसे ज़्यादा मायने रखती है और वो सब कुछ जानती है।

कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटाए जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्टार प्रचारक की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का है, केंद्रीय चुनाव आयोग का नहीं है। उन्होंने अपनी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है।

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये उनकी हताशा का प्रतीक है, लेकिन उनका अहंकार नहीं जा रहा है। उनकी नज़रों में राहुल गांधी भी गलत हैं, चुनाव आयोग गलत है, तो सही कौन है? चुनाव आयोग ने भी किया तो बदले की भावना से किया? संवैधानिक संस्था पर आरोप लगाते हुए आपको (कमलनाथ) लज्जा नहीं आती।

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस के CM थे, वो अपनी पार्टी के विधायकों को ही संभाल कर नहीं रख पाए तो प्रदेश का क्या भला कर पाएंगे ये जनता अच्छे से जानती है। 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है ये कमलनाथ सरकार की अकर्मण्यता,चरम पर भ्रष्टाचार का परिणाम है।

‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा रद्द किये जाने संबंधी फैसले को चुनौती दी

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उच्च न्यायालय का रुख कर, निर्वाचन आयोग द्वारा उनका ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा रद्द किये जाने संबंधी फैसले को चुनौती दी है। आयोग ने मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ का ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया था।

वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आयोग के फैसले को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी है और याचिका पर तत्काल सुनवाई कराये जाने का आग्रह किया जायेगा। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को ‘‘नैतिक और गरिमामय व्यवहार’’ के कथित उल्लंघन पर संज्ञान लिया था और कांग्रेस नेता का ‘‘स्टार प्रचारक’’ का दर्जा रद्द कर दिया था। तन्खा ने कहा कि अधिवक्ता वरुण चोपड़ा के माध्यम से याचिका दायर की गई है और शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री द्वारा इसमें बताई गई त्रुटियां दूर कर ली गई हैं।

आयोग ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘...आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का, राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।’’ आयोग ने कहा था कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।

अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।’’ चुनाव आयोग ने कहा था कि उसने इस मामले पर गंभीरता से विचार किया और "अप्रसन्नता के साथ महसूस किया कि एक राजनीतिक दल का नेता होने के बावजूद कमलनाथ बार-बार आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों तथा नैतिक और गरिमामय व्यवहार का उल्लंघन कर रहे हैं।’’

आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ उनकी टिप्पणी का उल्लेख किया। उन्होंने एक हालिया चुनावी कार्यक्रम में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ "माफिया और मिलावट खोर’ शब्दों का इस्तेमाल किया था।

आयोग ने पिछले हफ्ते कमलनाथ को चुनाव प्रचार में "आयटम" जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करने को कहा था। कमलनाथ ने एक रैली में मंत्री और भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था। आयोग ने 29 सितम्बर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी और आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी। उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान एक नवम्बर को समाप्त हो जायेगा।

कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने का असर 10 नवंबर को दिखेगा : कांग्रेस महासचिव

मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनावों का प्रचार अंतिम दौर में पहुंचने के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्टार प्रचारक दर्जा रद्द किए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले को कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने शनिवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने हालांकि दावा किया कि इस कदम का असर 10 नवम्बर को नजर आएगा, जब सूबे की 28 विधानसभा सीटों के लिए तीन नवम्बर को होने वाले उप चुनावों में पड़े वोट गिने जाएंगे।

कमलनाथ का स्टार प्रचारक दर्जा रद्द किए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर वासनिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन अब कमलनाथ की आवाज और दूर तक अपेक्षाकृत ज्यादा असरदार तरीके से लोगों के दिलो-दिमाग तक पहुंचेगी। इसका असर अगली 10 तारीख को दिखेगा।” वासनिक, कांग्रेस संगठन में मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव हैं। वह उपचुनावों के सिलसिले में राज्य के दौरे पर हैं।

उन्होंने इन उपचुनावों को “लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई” बताते हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों पर इशारों में हमला बोला जिनके मार्च में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से कमलनाथ सरकार को महज 15 महीने के कार्यकाल के बाद सत्ता से रुखसत होना पड़ा था। वासनिक ने किसी भी नेता का नाम लिए बगैर कहा, “अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए बेहद परेशान कुछ लोगों ने जनादेश के खिलाफ कदम उठाते हुए कांग्रेस के साथ ही सूबे की जनता से भी गद्दारी की। ये लोग खुद को तत्कालीन कांग्रेस सरकार में शीर्ष पदों पर पहुंचते देखना चाहते थे।”

उन्होंने एक सवाल पर भाजपा के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने सरदार वल्लभभाई पटेल की राजनीति, नैतिक मूल्यों और विचारों पर कभी विश्वास नहीं रखा, वे आज स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री की विरासत की बातें करने लग गये हैं।

वासनिक ने सरदार पटेल की 145वीं जयंती पर कहा, “पटेल ने (अंग्रेजी राज से आजादी के बाद) भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज भले ही एकता की बातें करते होंगे। लेकिन उनकी राजनीति पूरी तरह से लोगों के विभाजन पर टिकी है।” 

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