मध्य प्रदेश: शहरी बेरोजगारों को 5 हजार रुपये भत्ता देगी कमलनाथ सरकार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 30, 2020 04:13 IST2020-01-30T04:13:28+5:302020-01-30T04:13:28+5:30
मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार अब शहरी बेरोजगारों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देगी. इसके पहले यह भत्ता 4 हजार रुपये दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के तहत यह राशि दी जाएगी.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ। (फाइल फोटो)
मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार अब शहरी बेरोजगारों को 4 के स्थान पर 5 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देगी. उन्होंने कहा कि पीएससी की भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है.
शर्मा ने राजधानी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार अब शहरी बेरोजगारों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देगी. इसके पहले यह भत्ता 4 हजार रुपये दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के तहत यह राशि दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि युवाओं को मनरेगा की तर्ज पर अस्थायी रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं उच्च शिक्षा विभाग का प्रयास है कि छात्रों को परीक्षा में प्रश्नपत्रों के पूर्नमूल्यांकन की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया जाएगा ताकि छात्रों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, जिसमें छात्र आरटीआई के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिका चेक कर सकेंगे इसके लिए स्वशासी महाविद्यालय के छात्रों को 7 दिन और विश्वविद्यालय के नियमित छात्रों को 15 दिन के अंदर आवेदन करना होगा.
शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार का ध्यान बेरोजगारी पर नहीं है. वह मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए दूसरे मुद्दों को लेकर जनता को भ्रमित कर रही है.
जनसंपर्क मंत्री शर्मा के मुताबिक पीएससी की भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत है. विधि विशेषज्ञ से इसके लिए राय ली जा रही है.
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. मामले में सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर कोर्ट ने पीएससी में 27 फीसदी आरक्षण पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई अब 12 फरवरी को होगी. मंत्री ने बताया कि इस साल 2020 में राज्य में 7 लोक अदालतें लगेंगी. पूर्व में 5 लोक अदालतें लगती रही हैं.