कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त कर लगा दिए हैं। इसके तहत पेट्रोल और डीजल पर अब ग्राहकों को एक-एक रुपये अतिरिक्त देना होगा। बढ़े हुए दाम आज से पूरे मध्य प्रदेश में लागू हैं। सरकार को उम्मीद है इससे करीब पांच सौ करोड़ रुपये अतिरिक्त खजाने में आ जाएंगे।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी आने से इसकी बिक्री में बहुत आई थी। अन्य करों से आमदनी भी बेहद कम हुई है। इसकी वजह से कई राज्यों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हुई। हालांकि बाद में लॉकडाउन में ढील के बीच कुछ राज्यों ने शराब बिक्री पर अतिरिक्ट टैक्स लगाया था और नुकसान के भरपाई की कोशिश की गई।
बहरहाल, तेल के बढ़े दामों पर मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह वृद्धि 13 जून से लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप पेट्रोल एवं डीजल के दामों में एक-एक रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो जाएगी।
अधिकारी ने बताया, 'पहले पेट्रोल पर अतिरिक्त कर 3.50 रुपए एवं डीजल पर अतिरिक्त कर दो रुपए था। वृद्धि के बाद अब पेट्रोल पर अतिरिक्त कर 4.5 रुपये एवं डीजल पर अतिरिक्त कर तीन रुपये हो जाएगा।' उन्होंने कहा कि कर में इस वृद्धि से 200 करोड़ रूपये पेट्रोल से तथा 370 करोड़ रूपये डीजल से प्रतिवर्ष राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है।
इस बीच पूरे देश में भी लगातार सात दिन से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। इसमें शनिवार को भी वृद्धि हुई। देश की राजधानी दिल्ली में जहां पेट्रोल के दाम में 57 पैसे की वृद्धि हुई है, वहीं डीजल की कीमतों में भी 59 पैसे का उछाल है। ऐसे ही अन्य शहरों में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते देश में ईंधन के दाम लगातार 82 दिन तक स्थिर बने रहे थे।