नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कहा है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां बीते शुक्र वार को अचानक बिजली जाने की वजह से सीसीटीवी कैमरे करीब एक घंटे तक बंद रहे. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.
चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. मालूम हो कि प्रदेश के खुरई विधानसभा क्षेत्र से काफी संख्या में सागर पहुंचाई गईं संदिग्ध ईवीएम को लेकर यह बवाल शुरू हुआ है. बीते 28 नवंबर को मतदान ख़त्म होने के 48 घंटे बाद यानी 30 नवंबर को ये ईवीएम सागर पहुंचाई गईं. आयोग ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के सागर में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम को जमा करने के मामले में एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. आरोप है कि अधिकारी ने वोटिंग के दो दिन बाद ईवीएम जमा कर रखी थी.
चुनाव आयोग ने कहा, 'भोपाल कलेक्टर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 30 नवंबर को बिजली जाने की वजह से स्ट्रांग रूम के बाहर लगे सीसीटीव कैमरे और एलईडी डिस्प्ले सुबह 8.19 बजे से लेकर 9.35 बजे तक काम नहीं कर रहे थे. इसकी वजह से इतनी देर तक रिकॉर्डिंग नहीं की जा सकी थी. बिजली आपूर्ति के लिए एक अतिरिक्त एलईडी स्क्रीन, एक इनवर्टर और एक जनरेटर लगाया गया था.''
चुनाव आयोग ने कहा कि अब स्ट्रांग रूम में लगे कैमरे काम कर रहे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता कर रहे निगरानी ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ होने के आरोपों के बीच की वजह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शुक्र वार से पुराने भोपाल जेल में स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे 11 दिसंबर तक इवीएम पर नजर बनाए रखें.
भोपाल के डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि ईवीएम सुरिक्षत हैं और उन्हें तीन स्तर की सुरक्षा में रखा गया है. मध्य प्रदेश में बीते 28 नवंबर को मतदान हुए. चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में कुल 1,146 ईवीएम और 1,545 वीवी पैट में तकनीकी ख़राबी आई थी, जिन्हें बाद में बदल दिया गया था.
बीते दिनों छत्तीसगढ़ में धमतरी के तहसीलदार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि धमतरी के तहसीलदार ने अपने साथ अनाधिकृत व्यक्तियों को बगैर निर्वाचन आयोग व जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के स्ट्रॉन्ग रूम के भीतर प्रवेश करा दिया था. चुनाव आयोग ने धमतरी से रिपोर्ट मंगाई थी, जिसमें आरोपों को सही पाया गया था. इसके बाद रायपुर संभाग के कमिश्रर जीआर सुरेंद्र ने तहसीलदार राकेश ध्रुव को निलंबित करने का आदेश जारी किया था.