मध्य प्रदेश चुनाव: BJP-कांग्रेस की सूचियों के इंतज़ार में हैं छोटे दल, बागियों पर टिकी नजर

By बृजेश परमार | Updated: October 29, 2018 19:19 IST2018-10-29T19:19:24+5:302018-10-29T19:19:24+5:30

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित राज्य के अन्य क्षेत्रीय दल और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध के बाद जन्मी सपाक्स पार्टी द्वारा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों पर जमकर दबाव बनाया जा रहा था, रैलियों और सभाएं कर भीड़ जुटाते हुए शक्ति प्रदर्शन किए जा रहे थे, मगर अब ये सभी दल एकदम शांत हो गए हैं।

Madhya Pradesh Election: BJP-Congress are waiting for lists, small parties, rebels look tired | मध्य प्रदेश चुनाव: BJP-कांग्रेस की सूचियों के इंतज़ार में हैं छोटे दल, बागियों पर टिकी नजर

मध्य प्रदेश चुनाव: BJP-कांग्रेस की सूचियों के इंतज़ार में हैं छोटे दल, बागियों पर टिकी नजर

मध्यप्रदेश में चुनाव की घोषणा के पहले से मैदानी ताकत दिखाने वाले छोटे और क्षेत्रीय दल इन दिनों मौन साधे हुए हैं। एट्रोसिटी एक्ट के विरोध के तहत पार्टी बनी सपाक्स भी अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं कर पा रही है। ये सभी दल भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूचियों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि टिकट कटने के बाद बागी बनने वाले उम्मीदवारों को वे अपने पक्ष में कर सकें।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित राज्य के अन्य क्षेत्रीय दल और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध के बाद जन्मी सपाक्स पार्टी द्वारा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों पर जमकर दबाव बनाया जा रहा था, रैलियों और सभाएं कर भीड़ जुटाते हुए शक्ति प्रदर्शन किए जा रहे थे, मगर अब ये सभी दल एकदम शांत हो गए हैं। बसपा ने प्रदेश में 50 प्रत्याशियों की सूची जारी की है और शेष प्रत्याशियों की घोषणा वह नवंबर माह में करेगी। इसी तरह समाजवादी पार्टी ने अब तक केवल 17 प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। बसपा और सपा ने अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में ही अब तक प्रत्याशी चयन प्रक्रिया को अंजाम दिया है। दोनों ही दल जहां पर अपना प्रभाव नहीं है या फिर जहां पर उनका प्रभाव कम है, वहां पर दूसरे दलों के ऐसे नेताओं का इंतजार कर रहे हैं, जो टिकट न मिलने पर नाराज होकर उनके दल में शामिल होंगे।

वहीं जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) द्वारा मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में खासा प्रभाव बनाने की बात कही थी, मगर यह संगठन भी अब तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाया है। संगठन के डा। हीरालाल अलावा यह कह रहे हैं कि उनके प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही प्रत्याशी घोषित होंगे, मगर वास्तव में वे कांग्रेस के साथ चल रही गठबंधन की बात को लेकर कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

राज्य में जनता दल यू ने भी अब तक एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, जबकि दल के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने यह घोषणा की है कि वे राज्य में सौ से ज्यादा स्थानों पर अपने प्रत्याशी मैदान उतारेंगे। जद यू द्वारा भी प्रत्याशियों को लेकर अब तक केवल आवेदन मंगवाए गए हैं, मगर उन आवेदनों पर विचार तक नहीं किया गया है। जद यू भाजपा और कांगे्रस के उन उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है, जो टिकट न मिलने की स्थिति में बगावत कर सकते हैं। जद यू की तरह अन्य क्षेत्रीय दल भी इसी इंतजार में अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रहे हैं।

बहुजन संघर्ष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूल सिंह बरैया का कहना है कि वे अपने दल के प्रत्याशियों की घोषणा 1 नबंवर के बाद करेंगे। बरैया ने कहा कि अगर कोई दूसरे दल से आकर हमसे टिकट मांगेंगा तो हम उसे टिकट देंगे। हमने तय किया है कि हम जीताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे। वहीं एट्रोसिटी एक्ट के विरोध के बाद सपाक्स पार्टी बनने वाले सपाक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी खुद प्रदेश भर में घूम आए और प्रत्याशी चयन को लेकर जिला स्तर पर चर्चा कर चुके हैं, मगर वे भी अब तक अपने दल के प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाए हैं। सपाक्स भी भाजपा या फिर कांग्रेस छोड़कर सपाक्स में शामिल होने वाले को अपना प्रत्याशी बनाएगी।

कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को खतरा

टिकट वितरण के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में बगावत के आसार नजर आ रहे हैं, मगर कांग्रेस से ज्यादा भाजपा में यह स्थिति निर्मित होती दिखाई दे रही है। कांगे्रस द्वारा इस बार रणनीति के तहत टिकट वितरण किए जा रहे हैं, जिसके चलते विवाद वाले स्थानों पर लगातार और कई आधारों पर स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा चर्चा की जा रही है। वहीं भाजपा में अब तक चुनाव समिति द्वारा पैनल तैयार किए गए हैं, इसी दौरान विरोध करने और दावेदारी करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विरोध करने वाले प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदर्शन कर शक्ति प्रदर्शन तक करने से नहीं चूके रहे हैं।इसके देखते हुए टिकट वितरण के बाद भाजपा में बागियों की संख्या इस बार ज्यादा नजर आने की संभावना है।

Web Title: Madhya Pradesh Election: BJP-Congress are waiting for lists, small parties, rebels look tired

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